योग क्या है?
Yoga in Hindi
'योग' शब्द संस्कृत भाषा के 'युज धातु' शब्द से निकाला गया है। जिसका अर्थ आत्मा का परमात्मा से मिलन है। अर्थात योग के अंदर इतनी शक्ति है, कि यह आपको अमरत्व की प्राप्ति करवा सकता है। कुछ लोग योग को साधारण समझ लेते हैं, लेकिन यह उन से कहीं बढ़कर है। योग खासतौर से एक अध्यात्मिक अनुशासन है। जिसके अंदर जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया हुआ है।
यह एक कला के साथ-साथ विज्ञान भी है। योग एक विज्ञान इसलिए है क्योंकि यह मन और शरीर को नियंत्रित करने में व्यवहारिक तौर तरीके प्रदान करता है। जिससे गहन ध्यान संभव होता है, और यह एक कला है, क्योंकि जब तक योग का संवेदनशील और सहज रूप से अभ्यास नहीं किया जाता यह सिर्फ सत्तही परिणाम देगा। योग सिर्फ मान्यताओं की प्रणाली ही नहीं है, अपितु यह मन और शरीर के एक दूसरे प्रभाव को ध्यान में रखता है, और उन्हें आपस में सद्भाव में लाता है।
योग में है हर बीमारी का इलाज Yoga is the Cure for Every Disease in Hindi
योग शारीरिक व मानसिक रूप से मानव जाति के लिए वरदान है। योग व मेडिटेशन में कमर दर्द, अर्थराइटिस, इम्यून सिस्टम, अस्थमा, ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल जैसी बड़ी परेशानियों को बिना दवा दूर करने में पुरी क्षमता है।
योग, भारत की पुरानी जीवन पद्धति है। आत्मा और तन, मन को एक साथ लाना ही योग है। योग के जरिए सिर्फ बीमारियो से ही छुटकारा नहीं पाया जा सकता बल्कि मानसिकता से जुड़ी प्रॉब्लम्स को भी दूर किया जा सकता है। हालांकि इस मॉडर्न लाइफस्टाइल में लोग खुद को फिट रखने के लिए जिम की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन जो फायदा हमें योग से मिल सकता है, वह अन्य किसी विकल्प से नहीं। चिकित्सा शोधों ने भी यह साबित कर दिया है, कि योग शारीरिक व मानसिक रूप से मानव जाति के लिए वरदान है। योग व मेडिटेशन में कमर दर्द, अर्थराइटिस, इम्यून सिस्टम, अस्थमा, ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल जैसी बड़ी परेशानियों को बिना दवा दूर करने की पूरी क्षमता है। वही शास्त्रों के अनुसार योग में लगभग 84 लाख आसन सम्मिलित हैं। लेकिन वर्तमान में 32 आसन ही प्रसिद्ध है, जिनका अभ्यास शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर स्वास्थ्य लाभ व उपचार करने के लिए किया जाता है।
दमे के लिए अनुलोम विलोम Anulom Antonym for Asthma in Hindi
जिन लोगों को सांस से संबंधित समस्या है, उन लोगों के लिए यह आसन सबसे उत्तम है। अनुलोम विलोम करने से हमारे फेफडों में ऑक्सीजन की कमी पूरी होती है, और ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है। जिससे हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं को ऑक्सीजन मिलने लगती है। दमा के अतिरिक्त अनुलोम विलोम आसन से जुकाम, नजला, साइनोसाइटिस, एलर्जी जैसे रोगों के लिए काफी लाभकारी है।
डिप्रेशन के लिए मेडिटेशन Meditation for Depression in Hindi
मेडिटेशन का मतलब, ध्यान लगाना। इस पद्धति को सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनाया जाता है। दिनभर की भागदौड़ में काम के प्रेशर की वजह से आज 6 में से 2 आदमी डिप्रेशन यानी मानसिक तनाव के शिकार हैं, और डिप्रेशन से मुक्ति पाने का सबसे अच्छा और बेहतर तरीका ध्यान लगाना है। मेडिटेशन करने से आत्मिक शांति मिलती है, और हमारे मन को एकाग्रता से काम करने की शक्ति मिलती है।
हाई ब्लड प्रेशर के लिए शवासन Shavasana for High Blood Pressure in Hindi
शव और आसन, 2 शब्दों के मेल से बना शवासन केवल एक मात्र ऐसा आसन है। जिसको हर उम्र के लोगआसानी से कर सकते हैं। परंतु हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए यह आसन किसी वरदान से कम नहीं है। शवासन से अनिद्रा व तनाव जैसी समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।
शरीर को लचीला बनाता है, हलासन Halasana makes the body flexible in Hindi
हमारे शरीर का लचीलापन हमारी रीढ़ की हड्डी पर निर्भर है। अगर हमारे शरीर की रीढ़ की हड्डी लचीली होगी तो हमारा सारा शरीर अपने आप लचीला होगा। हलासन आसन करने से रीढ़ की हड्डी काफी लचीली हो जाती है। इसके अतिरिक्त हलासन को नियमित रूप से करने से थायराइड का अल्प विकास, दमा, कब्ज, रक्त विकार, समय से पहले बुढ़ापा, कफ़ इत्यादि रोग दूर हो जाते हैं। लेकिन ध्यान रहे, कि अगर किसी को गले में किसी गंभीर रोग होने की स्थिति हो, तो हलासन ना करें।
पाचन तंत्र व साइटिका के लिए वज्रासन Vajrasana for Digestive System and Sciatica in Hindi
भरपेट खाना खा लेने के तुरंत बाद टीवी देखने या सोने से पाचन संबंधी परेशानियों का आना एक आम बात है। अगर आप खाना खाने के तुरंत बाद वज्रासन करते हैं, तो डाइजेशन की परेशानी आपको नहीं होगी। वज्रासन साइटिका रोगियों के लिए उत्तम आसन माना जाता है। कमर से संबंधित अगर आपकी किसी भी नस में सूजन आने से आपके पैरों में बहुत तेज दर्द होने लगता है, तो इसी समस्या को साइटिका कहा जाता है। इसके अतिरिक्त गैस, रीढ़ की हड्डी मजबूत, अपच व कब्ज संबंधी विकारों के लिए यह आसन काफी लाभकारी है।
मोटापा कम करे योग Reduce fat Yoga in Hindi
मोटापे से जुड़े काफी सारे रोगों में योग करने से मुक्ति मिलती है। यदि आप लोग नियमित तौर पर योग करते हैं, तो आपका वजन कम होना शुरू हो जाएगा। मोटापा दूर करने के लिए वैसे तो बहुत सारे आसन हैं, लेकिन सबसे असरदार और कारगर आसन ताड़ासन, पादहस्तासन, त्रिकोणासन और पार्षवकोणासन माना जाता है।
डायबिटीज दूर करे योग Yoga to Cure Diabetes in Hindi
कहा जाता है कि डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जिसका कोई हल नहीं है। वास्तव में आप इंसुलिन प्रतिरोधक का इलाज भी नहीं कर सकते। लेकिन अगर आप अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल कर लेते हैं, तो यह एक बहुत बड़ी अचीवमेंट हो सकती है। योग करने से बॉडी का ब्लड शुगर आसानी से कंट्रोल किया जाता है। धनुरासन, चक्रासन और कपालभाति प्राणायाम करने से डायबिटीज की समस्या कम हो जाती है।
हाइपरटेंशन दूर करने में सहायक है योग Yoga is Helpful in Removing Hypertension in Hindi
कई बीमारियों की शुरुआत हाई ब्लड प्रेशर से होती है। हाइपरटेंशन जैसी समस्या दूर करने के लिए योग काफी लाभकारी है। ध्यान व योग की सहायता से हाइपरटेंशन को दूर किया जा सकता है। इसके लिए आप शवासन अधो-मुखश्च्नासन, प्राणायाम और पश्चिमोतासन कर सकते हैं।
माइग्रेन में फायदेमंद योग Beneficial Yoga in Migraine in Hindi
अक्सर देखा गया है कि एक उम्र के बाद लोगों में माइग्रेन की समस्या आने लगती है। माइग्रेन होने की मुख्य बजह दिमाग तक ब्लड का सही मात्रा में सर्कुलेट ना होना होता है। योग की सहायता से दिमाग तक आसानी से ब्लड को पहुंचाया जा सकता है। जिससे माइंड में फ्रेशनेस बनी रहती है। माइग्रेन के लिए हैंडस्टैंड, शीर्षासन करने से लाभ मिलता है। इसके अतिरिक्त बालासन, शवासन और उष्ट्रासन से भी काफी फायदा मिलता है।
योग का इतिहास Yoga History in Hindi
योग के खोजकर्ताओं के विषय में कोई भी लिखित साक्षय मौजूद नहीं है। लेकिन ऐसा माना गया है कि योग की शुरुआत भारत देश में हुई थी। पतंजलि ऋषि जो कि एक भारतीय थे। उनके द्वारा योग दर्शन पर लिखे गए 2000 साल पुराने 'योग सूत्र' को मन और भावनाओं को नियंत्रित करने और आध्यात्मिक रूप से विकसित करने का संपूर्ण गाइड माना गया है। योग का सबसे पहला लिखित रिकॉर्ड 'योग सूत्र' है। यह सबसे पुराने ग्रंथों में से एक है। 'योग सूत्र' सभी प्रकार के आधुनिक योगों के लिए रूपरेखा प्रदान करता है।
भारत में योग दिवस कब मनाया जाता है? International Yoga Day in Hindi
भारत में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत सर्वप्रथम 21 जून 2015 को हुई थी। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा को दिए गए प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। तभी से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि 21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है? इसका जवाब है- 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन होता है, और दुनिया के काफी हिस्सों में इस दिन का काफी महत्व है। अतः माननीय प्रधानमंत्री जी ने योग दिवस के लिए स्तन का सुझाव दिया।
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