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माउस क्या है? माउस का पूरा नाम क्या है? माउस के प्रकार और कार्य

माउस क्या है? माउस का पूरा नाम क्या है? What is Mouse in   Hindi? What is the full name of The Mouse in Hindi?

माउस एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है। जिसका वास्तविक नाम पॉइंटिंग डिवाइस {Pointing Device} है। इसका इस्तेमाल मुख्यतः कंप्यूटर स्क्रीन के ऊपर {Item's} आइटम्स को चुनने, उनको खोलने और बंद करने तथा उनकी तरफ जाने के लिए किया जाता है। यूज़र माउस के माध्यम से कंप्यूटर को निर्देश देता है। कंप्यूटर स्क्रीन पर यूजर माउस के माध्यम से कहीं भी पहुंच सकते हैं।

माउस का कोई भी अधिकारिक संपूर्ण रूप नहीं है। क्योंकि Mouse एक संक्षिप्त नाम नहीं है। इसके अलावा यह एक हार्डवेयर डिवाइस है। जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर सिस्टम में किया जाता है।


माउस का पूरा नाम क्या है? Mouse ka pura name kya hai?

माउस का पूरा नाम मैनुअली ऑपरेटेड यूजर सिलेक्शन इक्विपमेंट है।

FULL-FORM-OF-MOUSE:- 

M-Manually

O-Operated

User

Selection

Equipment.


माउस की पूरी जानकारी हिंदी में Mouse Full information in Hindi

माउस तो बहुत बाद में आया बच्चों, पढ़ाई से लेकर वीडियो गेम खेलने तक हर जगह कंप्यूटर का बोलबाला है। इसको आसानी से चलाने में जो चीज सबसे ज्यादा तुम्हारी मदद करती है, वह है 'माउस'। छोटी सी डिवाइस के बगैर कंप्यूटर चलाने का मजा ही फीका है। कंप्यूटर में माउस एक इनपुट डिवाइस की तरह होता है। तुम मॉनिटर पर तिरछे तीर जैसा एक चिन्ह देखते होंगे, जिसे 'माउस प्वाइंटर' कहा जाता है। जब Mouse को इधर उधर सरकाया जाता है, तब माउस प्वाइंटर भी उसी दिशा में सरकता है। क्या तुम्हें पता है, माउस का आविष्कार कंप्यूटर की खोज के कई वर्षों बाद हुआ। इसके आविष्कार का श्रेय एक अमेरिकी इंजीनियर डग्लस कार्ल एंजेलबर्ट को जाता है। जिन्होंने 1960 के दशक में इसे बनाया था। हैरानी की बात यह है कि दुनिया का पहला माउस प्लास्टिक का नहीं बल्कि लकड़ी का बना हुआ था। उसमें छोटे आकार के धातु के दो पहिए लगे होते थे, जिनका संपर्क सतह से रहता था। तब उसमें केवल एक ही बटन होता था। बनावट के आधार पर यह डिवाइस किसी दुबक पर बैठे हुए चूहे की तरह लगती थी। इसके पीछे से निकलने वाला तार चूहे की पूंछ का आभास दिलाता था। उसका काम भी चूहे की तरह फुर्तीला था। यह सब देखने के बाद इस डिवाइस का नाम 'Mouse' ही रखा गया। इसे अंग्रेजी, स्पेनिश, इटालियन, जर्मन, फ्रेंच और रूसी सहित अनेक भाषाओं में माउस के नाम से ही जाना जाता है। इसके अलावा इसे 'पॉइंटर डिवाइस' और 'टर्टल' नाम भी दिया जा चुका है।

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माउस का आविष्कार किसने किया था?Who invented the Mouse?

माउस का आविष्कार डग्लस कार्ल एंजेलबर्ट ने 1960 में किया था। जिस समय एंजेलबर्ट ने माउस का अविष्कार किया था। उस वक्त कंप्यूटर बहुत बड़े आकार के होते थे। कंप्यूटर सिस्टम को नियंत्रित करने वाले माउस का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन वर्ष 1968 में हुआ इसके 2 साल बाद 1970 में एंजेलबर्ट ने Mouse का पेटेंट कराया था। उनके नाम माऊस के अलावा 45 और अविष्कारों के पेटेंट भी शामिल हैं। समय के साथ Mouse में भी बदलाव आते गए और नई-नई टेक्निक वाले माउस बनने लगे। 1972 में पहले Digital Mouse 'जेरॉक्स' को डिजाइन किया गया। इसमें पहली बार धातु से बनी Mouse बॉल (गेंद) लगाई गई, जो सत्तह से चिपकी रहती थी। इस वॉल के घूमने के साथ पॉइंटर की दिशा भी बदलती रहती। इसलिए इसका नाम बॉल Mouse पड़ा। 1980 के दशक में माउस का इस्तेमाल दुनिया की अधिकांश जगह पर होने लगा। इस समय तक बाजार में कई तरह के माउस आने लगे थे। जानी-मानी आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने पहली बार 1983 में अपना Mouse बाजार में उतारा। लॉजिक नामक कंपनी ने 1991 में दुनिया का पहला वायरलेस माउस पेश कर तहलका मचा दिया। उससे तार का झंझट ही खत्म हो चुका था। 2004 में लाजीटेक ने ही पहला लेजर माउस बाजार में उतारा। इस माऊस की रफ्तार पुराने माऊस की तुलना में कई गुना तेज थी। माउस की रफ्तार को मापने के लिए 'मिकी यूनिट' नामक पैमाना बनाया गया है। यह 1 इंच का 200 वां हिस्सा होता है। आज तरह-तरह के माउस बाजार में है। आने वाले समय में तुम्हें नई-नई टेक्निक वाले और भी माउस दिखाई पड़ेंगे।

माउस कौन सी डिवाइस है? What device is a Mouse in Hindi?

यह {Grafic User Interface} एक ग्राफिक यूजर इंटरफेस में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली {Pointer Input Device} पॉइंटेर इनपुट डिवाइस है। इसका आविष्कार 1980 के दशक में किया गया था। इसका आकार चूहे की तरह होने की वजह से इसका नाम Mouse रखा गया। इसमें केवल तीन बटन होते हैं।

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माउस कितने प्रकार के होते हैं? How many types of mouse in Hindi?

मुख्य तौर पर Mouse को पाँच भागों में देखा जा सकता है। 

  • Mechanical Mouse
  • Optical Mouse
  • Trackball Mouse
  • Wireless Mouse
  • Stylish Mouse

इसके अतिरिक्त mouse के कुछ अन्य प्रकार भी है। लेकिन सबसे पहले जो माउस उपयोग में आते थे वह मैकेनिकल माउस ही थे।

1. Mechanical Mouse

मैकेनिकल माउसकी  खोज सन 1972 में बिल इंग्लिश ने की थी। इस mouse में निर्देशों के लिए एक बॉल का उपयोग किया जाता था। इसलिए इसे बॉल माउस भी कहा जाता है।

2. Trackball Mouse

इसमें Mouse की बनावट ऑप्टिकल माउस की तरह होती है, और इसमें नियंत्रण करने के लिए Trackball का इस्तेमाल किया जाता है। यूजर को अपनी अंगुली या अंगूठे से कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए बॉल को घुमाना पड़ता है। इस तरह का mouse हमें ज्यादा नियंत्रण नहीं दे पाता, और इसे चलाने में भी काफी समय लग जाता है।

3. Optical Mouse

इस तरह के माउस में LED= Light Emitting  Diode एवम् DSP = Digital Signal Processing टेक्निक पर कार्य किया जाता है। 
ऑप्टिकल माउस में किसी तरह की कोई बॉल नहीं होती। यहां पर इसकी जगह एक छोटा सा ब्लव लगा होता है। इसलिए इस माउस को हिलाने पर प्वाइंटर हलचल करता है, तथा इसके अंदर मौजूद बटन के द्वारा हम कंप्यूटर को निर्देश दे सकते हैं। आजकल के समय में इसी तरह के माउस का इस्तेमाल हो रहा है। इन्हें एक तार के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ा जाता है, जो कि बिजली की आपूर्ति भी करती है। ऑप्टिकल माउस इस्तेमाल करने में काफी आसान होते हैं।

4. Wireless Mouse 

यह माउस बिना तार के होता है। इसलिए इसे वायरलेस माउस बोला जाता है। इस mouse का दूसरा नाम कॉर्डलेस माउस भी है। यह माउस रेडियो फ्रिकवेंसी टेक्निक पर आधारित है। लेकिन इसकी बनावट ऑप्टिकल माउस की तरह ही होती है। इसलिए इस माउस का उपयोग करने के लिए ट्रांसमीटर तथा रिसीवर की जरूरत होती है। इस माउस को चलाने के लिए बैटरी की जरूरत पड़ती है, और इसी वजह से हमें इसको छोटी बैटरी भी खरीदनी पड़ती है।

5. Stylish Mouse 

इस तरह के Mouse कोमें gStick Mouse भी बोला जाता है, क्योंकि स्टाइलिश माउस का आविष्कार Gordon Stewart ने किया था। इसलिए gStick  'g' का मतलब Gordon होता है।


माउस के कार्य, एवम् उपयोग Functions and Uses of Mousein Hindi

माउस कैसे काम करता है? How does the Mouse work in Hindi?

माउस एक प्रकार का इनपुट डिवाइस है। जिसका सही नाम 'पॉइंटेर डिवाइस' है। इसका इस्तेमाल खास तौर पर कंप्यूटर स्क्रीन पर आइटम्स को चुनने, उनकी तरफ जाने और उनको खोलने तथा बंद करने में किया जाता है। यूजर माउस द्वारा कंप्यूटर को निर्देश देता है। इसके इस्तेमाल से कंप्यूटर स्क्रीन पर हम कहीं भी पहुंच सकते हैं।

माउस में जो बटन मौजूद हैं उनके कार्य को निम्न भागों में बांटा गया है।

  •  Clicking or left Clicking 
  •  Double Click 
  •  Right Click 
  •  Dragging or Drag and Drop
  •  Pointing 
  •  Scrolling 

1. Clicking or Left Clicking 

Mouse के लेफ्ट साइड के बटन को दबाकर छोड़ देने को लेफ्ट-क्लीकिंग कहा जाता है। इसके इस्तेमाल से किसी भी ऑब्जेक्ट जैसे- फोल्डर, इमेज, फाइल, आइकॉन, टेक्स्ट इत्यादि को सेलेक्ट करने के लिए किया जाता है।

2. Double Click

लेफ्ट बटन के द्वारा ही इसमें डबल क्लिक किया जाता है। जल्दी-जल्दी दो बार क्लिक करना होता है। किसी भी डॉक्यूमेंट, फोल्डर, फाइल आदि को ओपन करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

टेक्स्ट फाइल जैसे कि वर्ड पैड, नोटपैड, एमएस वर्ड इत्यादि में Mouse के लेफ्ट बटन के उपयोग से किसी एक अक्षर पर, एक बार क्लिक करने पर वह अक्षर, दो बार क्लिक करने पर एक शब्द, वह तीन बार क्लिक करने पर पूरा का पूरा पैराग्राफ सेलेक्ट हो जाता है।

3. Right Click 

इसके राइट बटन के उपयोग से किसी भी ऑब्जेक्ट जैसे कि आइकन, पिक्चर, डॉक्यूमेंट, फोल्डर के ऊपर माउस के प्वाइंटर को रखकर राइट बटन को प्रेस करके राइट क्लिक कहा जाता है। इसकी सहायता से ऑब्जेक्ट की प्रॉपर्टी को एक्सेस देने में सहायता मिलती है। जिससे कई सारे ऑप्शन मिलते हैं जैसे कि प्रिंट, फाइल साइज, कॉपी-पेस्ट इत्यादि।

4. Dragging or Drag and Drop

यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके उपयोग से आप ऑब्जेक्ट को डॉक्यूमेंट, फाइल, फोल्डर, पिक्चर आयकन इत्यादि को कंप्यूटर में ही एक जगह से दूसरी जगह तक ले जा सकते हैं।

इसके लिए आपको माउस प्वाइंटर को आइटम पर या ऑब्जेक्ट पर ले जाकर mouse की लेफ्ट बटन को पकड़े हुए रखना है। थोड़ी देर होल्ड करने के बाद दुसरी जगह ले जाकर छोड़ देना है। जिसे ऑब्जेक्ट दूसरी जगह स्थानांतरित हो जाएंगे। इसी प्रक्रिया को ड्रैग एंड ड्रॉप कहा जाता है।

5. Pointing 

जैसा कि आप सभी जानते हैं, माउस एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस पॉइंटिंग इनपुट डिवाइस है। इसका इस्तेमाल मॉनिटर पर किसी भी ऑब्जेक्ट को प्रिंटिंग या फिर मार्क करने के लिए होता है, और माउस कर्सर/प्वाइंटर हमेशा हमारी कंप्यूटर स्क्रीन पर मौजूद ही रहता है।

6. Scrolling

स्क्रोलिंग की अगर बात की जाए, तो इसमें व्हील की सहायता से स्क्रोलिंग की जाती है, जोकि मॉनिटर से बड़े ऑब्जेक्ट को ऊपर नीचे करने या देखने के लिए इसकी सहायता से ऊपर नीचे स्क्रॉल करके देखा जा सकता है।



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