शरीर में होने वाली निरंतर टूट फूट की मुरमत एवं नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए हमें भोजन की आवश्यक्ता पड़ती है। शरीर में सदैव कुछ न कुछ क्रियाएं भी होती रहती है जिनके परिणाम स्वरुप शरीर की ऊर्जा का भी निरन्तर वाय होता रहता है शरीर क्लिये आवश्यक ऊर्जा या शक्ती को बनाये रखने के लिए शरीर को भोजन वाले तत्व उस रूप में ग्रहण नहीं किये जाते है जिस रुप में हम भोजन ग्रहण करते बल्कि कुछ शारीरिक क्रियाओ द्वारा हमारे भोजन को पचाया जाता है इसके उपरान्त ही भोजन में से पोषक तत्व शरीर द्वारा शोषित किये जाते हैं उस पूरी प्रक्रिया के पूरा करने के लिए शरीर मे विशेष अंग हैं जो परस्पर मिलकर एक आहार संस्थान का निर्माण के करते है इस प्रकार के पाचन में भाग लेने वाले अंग तथा आहार के पाचन पोषक तत्वों को आत्मसाद करने वाले अंग संयुक्त रूप से पाचन संस्थान कहलाते है ।
आहार संस्थान में कार्य करने वाले विभिन्न अंग
1 मुख द्वार
2 अन नलिका
3 अमाशय
4 पकवाश्य
5 यकृत
6 पिताश्य
7 अग्नाश्य
8 छोटी आंत
9 बड़ी आंत
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