Ticker

6/recent/ticker-posts

शिक्षा के बारे में कुछ जानकारी,जिन्दगी में शिक्षा का महत्व:- Some information about Education-What is Education & Importance of Education in life

 शिक्षा के बारे में कुछ जानकारी,जिन्दगी में शिक्षा का महत्व:- Some information about Education-What is Education & Importance of Education in life:-

नमस्कार दोस्तों आज हम आपको “www.allinone89.in” के इस पोस्ट में शिक्षा(Education) के बारे में बताने जा रहें है। यदि आप जानना चाहते है “ शिक्षा के बारे में और शिक्षा के महत्व” के बारे में तो इस पोस्ट को अन्त तक जरूर पढ़े।    

शिक्षा का शाब्दिक अर्थ है,अधिगम, अध्ययन, जनविग्रहण अर्थात किसी कार्य को करने योग्य होने की इच्छा या निष्पात अर्थात चतुर होने की इच्छा।


शिक्षा लैटिन भाषा के शब्द Aducare से लिया गया है जिसका अर्थ है व्यक्ति के अन्दरूनी गुणों को निकालकर उनका विकास कर उसे सभ्य इन्सान बनाया जाये। किसी भी समाज को उचित मार्ग पर ले जाने के लिए समाज को प्रौढ़ वर्ग ने कुछ निश्चित नियम बनाये हैं।जिनका पालन करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। ठीक उसी उदेश्य की पूर्ति के लिए एक व्यवस्थित, निर्णायक शिक्षा प्रणाली का निर्माण किया गया। प्रत्येक देश की शिक्षा, उसकी शिक्षा, प्रशिक्षा प्रणाली तथा पाठयक्रम भिन्न-भिन्न होते हैं। जैसा कि इतिहास द्वारा हमें ज्ञात होता है कि आदिकाल में अपनी रक्षा के लिए धनुषबाण सिखना अनिवार्य होता था, और आवशयकता अनुसार ही उस समय सिखने की पद्ती भी थी। धीरे-धीरे समय में परिवर्तन हुआ और अलग-अलग समय में इन पद्तीयों में भी आवश्यकतानुसार संशोधन होते रहे। शिक्षा द्वारा ही समाज में भावी पीढ़ी को जीवन का मार्ग दर्शन कराने में समर्थ बनाता है। अत: यह एक सामाजिक प्रतिकृया है।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय सविंधान में हमारे सविंधान निर्माताओं ने गणतान्त्रिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा के कुछ उदेश्य बनाये।

1. गणतान्त्रिक नागरिकता का विकास:- Development of democratic citizenship:-

भावी पीढ़ी में विशुध विचार को स्वीकारने की तत्परता, सामाजिक न्याय, सहनशीलता विकास आदी गुणों का समावेश।

2. व्यवसायिक क्षमता का विकास:- Development of occupational capacity:-

कार्य के प्रति नई भावना को जन्म देना। विचार्थीयों को अनुभव कराना कि देश की समृधि इसी में है, यथा शक्ती कार्य सुन्दर व सफल हो।

शिल्पिक क्षमता का, कौशल कार्य का विकास हो ताकी व्यवसायिक क्षेत्र में सिर्फ अनुभवी व्यक्ति  ही जायें। जो की उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर देश को समृध्दि की ओर ले जा सके।


शिक्षा के कुछ प्रकार जो इस तरह है:-

1. औपचारिक शिक्षा:- Formal Education:-

इस प्रकार की शिक्षा स्कुल, कॉलेज व संस्थान आदी से की जा सकती है। इसमे पाठयक्रम पहले से ही निर्धारित होता है तथा समय और उदेश्य भी निश्चित होते हैं।

इसे शैक्षणिक संस्थानों से प्राप्त किया जाता है। इसमे शिक्षा का मूल्यांकन किया जाता है और प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। आप विषयों का चयन भी कर सकते हैं। केवल अच्छी और आवश्यक जानकारी दी जाती है। इसके अंतर्गत मार्गदर्शन जरुरी है,और इसमे आप अपने Carrer का चुनाव भी कर सकते हैं।


Also Read ➡️ कंप्यूटर का महत्व क्या है?


2. अनौपचारिक शिक्षा:-Informal Education:-

इस प्रकार की शिक्षा व्यक्ति देखकर या अनुभव करके ग्रहण करता है। इसमे कोई पाठयक्रम या समय निश्चित नहीं होता। किसी तरह का कोई उदेश्य नहीं होता कभी भी कुछ भी सीखा जा सकता है। कोई मूल्यांकन नहीं किया जाता है और ना ही प्रमाण पत्र दिया जाता है। किसी प्रकार का चयन नहीँ किया जाता। कुछ भी अच्छा या बुरा सीख सकते हैं क्यूंकि इसमें संगति का प्रभाव पड़ता है और किसी तरह का कोई मार्गदर्शन नहीँ किया जाता,परिस्थिती सिखने वाले को स्वयं सिखाती है। इसमे गलत धारणा बनने की संभावना रहती है।



Post a Comment

0 Comments