ल्क्षय कैसे बनाएं? How to makes Goals in Hindi
अपने गोल्स को पेपर पर क्यूँ लिखना चाहिए?
तो इसका यह रिजल्ट निकला, कि जो अपनी इच्छाओं को पेपर पर लिखते थे। उन्होने अपनी ज्यादातर इच्छाओ को पूरा कर लीया, और वह भी बहुत कम समय में और जो लोग नहीं लिखते थे उनमें से ज्यादातर लोग जैसे थे वैसे ही रह गए और मात्र एक ही पूरा कर पाए फाइनल रिजल्ट निकला वह भी पूरी तरह से साईंटीफीक्ली एप्रूवड की आपके 42% चांसेस बढ़ जाती है कि आप जो चाहते हो वो आप कर लोगे। अगर आपने उसे पेपर पर लिखना शुरु कर दिया तो पर ऐसा क्यों होता है, साइंटिफिक एक्सप्लैनेशन यानी वैज्ञानिक रीजन यह है कि जब आप किसी इच्छा गोल या मकसद को अपने दिमाग में ही रखते हो जैसे कि मुझे एक्जाम क्रैक करना है मुझे क्लास में टॉप करना है या फिर मुझे यह जॉब पाना है या फिर लाइफ पार्टनर पाना है तब इच्छाओं को सोते समय तब आप अपने अपने राइट ब्रेन, अपने दाएं हिस्से का इस्तेमाल करते हो आपका दाया ब्रेन इमेजीनेटिव होता है। इसलिए जब आप अपने सपने के बारे में सोचते हो तब आपका राइट ब्रेन सक्रिय हो जाता है, पर बात यह है कि आप अपनी इच्छाओं को तभी पूरा कर पाओगे आपको आपका दिमाग एनर्जी यानी ऊर्जा और मोटिवेशन तभी देगा जब आप अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल करोगे मतलब आपका दायाँ ब्रेन और बायां ब्रेन दोनों ऑन होगा तभी आप को फुल एनर्जी मिलेगी पर हमने अभी क्या देखा हमने भी यह देखा कि जब आप अपनी इच्छाओं के बारे में सोचते हो विजुलाइज करते हो मन में ही रखते हो तब आपका इमेजिनेटिव दायां ब्रेन यानी सिर्फ राइट ब्रेन ही ऑन होता है लेफ्ट ब्रेन को कोई मतलब नहीं होता पर जब आप अपनी इच्छाओं को लिखते हो पेपर पर जैसे ही लिखते हो तब आपका लॉजिकल ब्रेन यानी लेफ्ट ब्रेन यानी दिमाग का दूसरा पारट भी एक्टिवेट हो जाता है क्योंकि जब आप अपनी इच्छाओं और गोल्स को पेपर पर लिखोगे तो दिमाग को यह सिग्नल मिल जाता है कि ये सीरियस चीज है आपके लिए तभी तो आप इसे पेपर पर लिख रहे हो जैसा कि मैंने पहले बताया ऑल इन ऑल बात यह है कि आप अपनी इच्छाओं के बारे में सोचो तब राइट ब्रेन ऑन होगा और उसे कागज पर लिखो तब लेफ्ट ब्रेन ऑन होगा।
जब दोनों साथ मिलकर काम करेंगे तो आपको वो ऊर्जा और बुद्धि मिलेगी जो सामान्य लोगों को नहीं मिलती उनको नहीं मिलती जो अपनी इच्छाओं को कागज पर नहीं लिखते उनका ब्रेन उनकी इच्छाओं को सीरियस नहीं मानता और इसलिए उनका दिमाग उस रिक्वायर्ड एनर्जी उर्जा को प्रदान नहीं करता। सबसे मेन बात यह है कि आप में से बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जिनके पास कोई गोल यानी मकसद नहीं होगा जिंदगी कैसी चल रही है वैसे चलने दो यह वाली थिंकिंग लेकर बहुत लोग जीते हैं पर ऐसी थिंकिंग से कुछ भी नहीं हासिल होगा तो उन एक्सपेरिमेंट से आपको यह सीखना चाहिए की गोल्स अगले कुछ सालों में आपको क्या करना है यह आपको तय करना चाहिए कि ये आपको क्लीयरली पता होना चाहिए कि आपका मकसद क्या है पहले गोलस त्यार करो तभी ना उसे पेपर पर लिखोगे। ज्यादातर इंसान बिना गोलस के चलते हैं पर आपको भेड़ चाल का हिस्सा नहीं बनना है आपको अलग बनना है बिना गोल्स ऐसी सोच वालों का दिमाग भी उनका साथ नहीं देता दिमाग तेज करने के टिप्स में एक टिप यह भी थी कि जिंदगी में गोल यानी मकसद रखना तभी आपका दिमाग आपको वह एनर्जी देगा जिससे आप अपने मकसद को पूरा कर पाओगे।
मक़सद रखो,इच्छा रखो क्लियर हो जाओ कि आपको क्या चाहिए, आपको साफ-साफ पता होना चाहिए, कि आपको क्या चाहिए, और उसे कागज पर लिखो ताकि दिमाग का लेफ्ट और राइट हेमिस्फीयर दोनों का इस्तेमाल हो। गोल्स को कागज पर लिखने से और एक फायदा यह है कि आपको वह अपॉर्चुनिटी यानी वह अवसर जिंदगी में दिखने लग जाएंगे जो आपको पहले नहीं दिखते थे क्योंकि यह गोल आपके लिए सीरियस है और आप इसे पाने के लिए कुछ भी कर सकते हो और आपका दिमाग भी इस बात को जानता है इसलिए आप उन अवसरों को देख पाओगे जो आप सामान्य तौर पर नहीं देख पाते हैं अगर आप कैजुअली जीते तो हुआ तो हुआ नहीं तो छोड़ इस मेंटालिटी को रखते तो यह मेंटालिटी जहर के समान काम करती हैं क्योंकि इसमें कुछ सीरियसनेस इनवोल्व्ड नहीं होता। पर जैसे कि मैंने बताया जैसे ही आप की गोल और इच्छा पेपर पर आएगी वैसे ही आप की मोटिवेशन में ऐसा बूस्ट आ जाएगा कि आप उसे पाकर ही दम लोगे और एक जरूरी बात यह है कि आपकी इच्छाएं और गोल्स दो तरह के होते हैं एक लॉन्ग टर्म और एक शॉर्ट टर्म लोंग टर्म उसे कहते हैं जो आप सालों के अंतराल में पाना चाहते हो ऐसा आपने डिसाइड किया कि मुझे कुछ बनना है पायलट डॉक्टर आईएएस ऑफिसर,क्योंकि आप बात करोगे, और दूसरा गोल होता है शॉर्ट टर्म जैसे अगले महीने मुझे एग्जाम में 90% करना है शॉर्ट टर्म गोल।
लॉन्ग टर्म गोल को एक अलग पेपर पर लिखो और शॉर्ट टर्म गोल को अलग पेपर पर लिखो। वेरी शॉर्ट टर्म गोल मतलब जो 1 दिन का रूटीन होता है उसे आप डेली लिख सकते हो रात को सोने से पहले कागज पर लिख दो कि कल सुबह उठने के बाद आप सबसे पहले एक स्माइल के साथ उठोगे फिर ग्रिटीट्यूड को एक्सप्रेस करोगे मतलब इस यूनिवर्स को इस ब्रह्मांड को उन चीजों के लिए थैंक्स बोलोगे जिन चीजों के लिए आप शुक्रगुजार हो यानी थैंकफूल हो। उसके थोड़ी देर बाद स्ट्रेचिंग करोगे और दिन भर के जितने काम आप करना चाहते हो उसे पेपर पर लिख कर अपने डेस्क पर या कोई ऐसी जगह पर रख दो जहां पर पल पल आपकी नजर पढ़ते रहे इससे आप अपना डेली काम भी अच्छे से कर पाओगे और रोज जो आप कागज पर लिखे हो।जब अगले रात को सोने से पहले आप यह देखो कि वाह मैंने जो लिखा है। वह पूरा किया तो मन में एक सेन्स ऑफ़ फुलफिलमेंट आएगा और इसके चलते आप और एक्टिव, जिंदा और खुश महसूस करोगे डेली के कामों को तो देख लिया आपने पर लोंग टर्म गोल्स जिंदगी के बड़े मकसद भी उतनी ही जरूरी है और अगले 5 साल में जो कुछ भी हासिल करने की इच्छा रखते हो सबको लिख दो कागज पर अपने गोल्स को लिखो और देखते जाना कि आपके अंदर मोटिवेशन ऑटोमेटिकली ही आ जाएगी कागज पर अपने गोल्स को लिखो यह तो आज जान लिया आपने और एक इंपॉर्टेंट बात यह है कि आप अपनी इच्छाओं को अपने गोल्स को भूल कर भी किसी से मत बताना ज्यादातर लोगों का यही अनुभव रहा है कि जब वह अपने मकसद और आगे के प्लान के बारे में किसी को बताते हैं तब वो उस गोल को अचीव नहीं कर पाते। जब आपने किसी को बोल दिया कि आप यह काम करने जा रहे हो और जब आप किसी कारण के चलते उस काम को कर नहीं पाते तो एक डिप्रेसिंग फीलिंग आती है जब आप अपने दोस्त किसी भी फैमिली से बात करते हो और कोई पूछता है कि बेटा आगे का प्लान क्या है अब आप फ्लो फ्लो में ही बोल देते हो कि यह है मेरा प्लान।
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