Covid-19 का IHU Variant क्या है?
Covid-19 Variant IHU in Hindi
कोविड-19 का Omicron-Variant काफ़ी तेजी से फैल रहा है। लेकिन फ्रांस ने एक नया वैरीअंट सामने लाया है, जिसका नाम है, Variant IHU. IHU (आई एच यू) के बारे में जानकारी के कुछ शुरुआती चिंताजनक संकेत हैं, परंतु फिलहाल के लिए हर तरह से सावधानी बरतने की सलाह देते हुए शोधकर्ताओं ने इसका नाम IHU (आईएचयू) रखा है।
IHU Variant kya hai-डेली मेल न्यूज़ वेबसाइट के अनुसार Variant IHU in Hindi की खोज फ्राँस में हुई है। फ्रांस के मारसैल (Variant IHU in Marseille) में इस नए वेरिएंट के 12 मामले देखे गए हैं। यह मामले खासकर उन लोगों में पाए गए हैं जो अफ्रीकी देश कैमरून से वापस लौटे थे।
भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ चुकी है। ऐसा माना जा रहा है, कि पिछले महीने से चल रहे इस लहर में कोविड-19 का ओमिक्रॉन वेरिएंट सबसे खतरनाक है। यह वैरीअंट काफी तेजी से फैलता जा रहा है, और इसके संक्रमण के लक्षण भी कुछ अलग ही है। लेकिन इसी बीच फ्रांस से एक और बात सामने आई है कि, एक सार्स कोव-2 का नया वेरिएंट, संक्रमण फैलाता जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह वैरिएंट भी काफी तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो उनके अनुसार अभी तक B.1.640.2 या IHU के बारे में पता लगाया है। और उन्होंने कहा है कि यह काफी खतरनाक होने की क्या-क्या संभावना है।
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IHU वैरीएंट कहां मिला
मरीजों के विश्लेषण के बाद यह नया वेरिएंट B.1.640.2 सामने आया है। जो दक्षिण पूर्व फ्रांस के एक इलाके में रह रहे हैं। मेडिटेरेनी इंफेक्शन के शोधकर्ताओं ने यह कहा है, कि इस वैरीअंट से संक्रमित हुए मरीज की पहचान हो चुकी है, और यह मरीज कैमरून की ट्रिप से फ्रांस वापिस लौटा था।
इस वैरीअंट का नाम अभी तक शोधकर्ताओं ने IHU (आईएचयू) रखा है। किसी भी नए वेरिएंट का नामकरण विश्व स्वास्थ्य संगठन ही रखता है, और यह नाम तभी दिए जाते हैं जब उस उस वैरीअंट के बारे में यह बात स्पष्ट हो जाए की वह चिंता का विषय है या नहीं।
कितना म्यूटेशन है IHU
दूसरे संक्रमण कारी रोगाणुओं की तरह सार्स कोव-2 भी म्यूटेट होता रहता है। मतलब बदलता रहता है। इस वायरस के सारे म्यूटेशन अभी तक हो चुके हैं। मूल वायरल स्ट्रेन की तुलना में इस नए वेरिएंट में शोधकर्ताओं ने कम से कम 46 म्यूटेशन (रूप बदल चुका है) और 37 विलोपन देखे हैं।
यह माना जा रहा है कि कोविड-19 के वायरस के मुकाबले यह ज्यादा टीका प्रतिरोधी और संक्रामक हो सकता है।
ओमिक्रॉन के मामले भारत में काफी तेजी से बढ़ रहे हैं।
भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले वैरीअंट आईएचयू (Variant IHU) से पहले मिले हैं। यह वेरिएंट अफ्रीका से होते हुए बाकी काफी देशों में पहुंच चुका है। जिसमें भारत भी शामिल है। इस वैरीअंट को डेल्टा जैसा या डेल्टा प्लस जितना घातक नहीं माना जा रहा है। लेकिन यह उनके मुकाबले काफी तेजी से फैलता जा रहा है।
भारतवर्ष में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या 1892 हो चुकी है। सबसे ज्यादा ओमिक्रॉन के मामले दिल्ली और महाराष्ट्र में पाए गए हैं। अभी तक ओमिक्रॉन के 766 मरीज रिकवर भी हो चुके हैं।
IHU की रिसर्च कहां तक पहुंची?
पहली बार 10 दिसंबर को Variant IHU का पता शोधकर्ताओं ने लगाया था। तब से लेकर अभी तक इस पर शोध किया जा रहा है। अभी तक इसके 46 म्यूटेशन पाए गए हैं, और उनके टेस्ट में पता चला है कि इस वेरिएंट में N501Y म्यूटेशन है, जो पहली बार अल्फा वेरिएंट में पाया गया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह वैरीअंट ज्यादा फैलने वाला हो सकता है, और हो सकता है कि मौजूदा टीकों का इस पर कोई असर भी ना पड़े।
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