क्या है मौनी अमावस्या? मौनी अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं? What is Mauni Amavasya in Hindi?
मौनी अमावस्या माघ महीने में मनाई जाती है। इस दिन को भी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बहुत ही महत्वपूर्ण दिन माना जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा नदी में या अन्य किसी तीर्थ स्थान पर स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा का जल अमृतमय में होता है। यही वजह है कि महाकुंभ के दौरान गंगा में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा होती है। मौनी अमावस्या माघ के महीने में आती है और यह मध्य माघ को होती है। मध्य माघ में होने की वजह से इसे माघी अमावस्या का नाम भी दिया गया है। इस दिन कुछ लोग मौन व्रत धारण करते हैं और जो बहुत ही फलदायक माना जाता है।
मौनी अमावस्या 2025 में कब है? When is Mauni Amavasya in 2025?
2025 में मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुरूप अमावस्या की तिथि 28 जनवरी 2025 को शाम के 7:35 से शुरू होगा और 29 जनवरी 2025 के शाम के 6:05 को समाप्त होगी । यह दिन दान और स्नान के लिए खास माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन दान करना बहुत ही शुभ होता है।
मौनी अमावस्या में क्या करें और क्या ना करें?
कोई भी त्यौहार या व्रत हो हमें इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि उसे दिन कौन से कार्य करने योग्य होते हैं। अपने इस लेख में हम कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे मौनी अमावस्या में अवश्य करें।
- मौनी अमावस्या के दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य मिलता है।
- इस दिन माता लक्ष्मी और विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
- मोनी अवश्य अमावस्या के दिन मोन व्रत करने से शुभ व पुण्य की प्राप्ति होती है।
- इस दिन वस्त्र, धन का दान करना चाहिए, जिससे धन- धान्य की प्राप्ति होती है।
- मौनी अमावस्या के दिन सुबह उठकर सूर्य को अर्ग अवश्य दें जी ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है।
- स्नान आदि करने के पश्चात "ओम् पितृ देवता नमः" का उच्चारण लगभग 11 बार अवश्य करें, ऐसा करने से पितरों की कृपा बनी रहती है।
- मौनी अमावस्या शाम के समय तुलसी के पौधे के पास घी का दिया जलाएं, ऐसा करने से कासन की प्राप्ति होती है ।
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मौनी अमावस्या को क्या नहीं करना चाहिए?
- मौनी अमावस्या के दिन मांस मदिरा तथा लहसुन - प्याज को सेवन नहीं करना चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन तामसिक भोजन न करें।
- इस दिन सुबह देर तक ना सोए।
- मौनी अमावस्या के दिन किसी के साथ झूठ नहीं बोलना चाहिए।
क्यों मनाई जाती है मौनी अमावस्या?
धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप इस दिन पितरों के पिंडदान व तर्पण करने से पितरों को बैकुंठ धाम की प्राप्ति हो जाती है। इस दिन साधु - संतों व अन्य लोगों को दान करना चाहिए और मौन व्रत भी धारण करना चाहिए। माना जाता है कि इस व्रत करने से शांति, मोक्ष व आत्म संयम की प्राप्ति होती है ।
मौन व्रत कब रखा जाता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौन व्रत मौनी अमावस्या के दिन रखा जाता है। माना जाता है, कि इस व्रत को करने से सामाजिक मान मे बढ़ोतरी होती है और वाणी में मधुरता आती है। मौनी अमावस्या के दिन नदी में स्नान करने के उपरांत ही यह व्रत रखा जाता है, और यह व्रत मौनी अमावस्या के समाप्त होने पर ही खत्म होता है, अर्थात पूर्ण होता है।
आप मौनी अमावस्या से क्या समझते हो ?
मोनी का अर्थ होता है मोन, यह व्रत मौनी अमावस्या के दिन रखा जाता है। इस व्रत को करने से शांति प्राप्त होती है।
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