Perming क्या होती है? Perming करने से पहले किन किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
परमिंग या परमानेंट waving आजकल दी जाने वाली सभी रासायनिक क्रियाओं में से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान रखती है। प्राचीन समय में स्त्री व पुरुष दोनों विभिन्न विधियों द्वारा अपने बालों को घुंघराले करने का प्रयास करते थे इसके लिए वे तारों के ऊपर वालों को लपेटकर समुद्री मिट्टी लगाते थे और वे तीन-चार दिनों तक धूप में बैठे थे जिसे बालों में हल्के Curls आ जाते थे।
इसके अलावा गीले बालों में छोटी-छोटी चोटियां बनाकर बालों को Curls किया जाता है।1932 में पहली बार Cold Waving Lotion का प्रयोग किया गया इसमें अमोनिया और थायोग्लाइक्कोलेट एसिड का प्रयोग किया गया इस लोशन को प्रयोग करते समय किसी भी प्रकार की हीट थेरेपी का प्रयोग नहीं किया गया इसलिए इस विधि को कोल्ड वेविंग के नाम से जाना जाता है।
समय के परिवर्तन के साथ-साथ नए नए प्रयोग हुए जिससे परमिंग लोशन की गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार आने लगा जिससे कम समय में बालों को अधिक Curls प्रदान किए जा सके Perming करने के लिए पहले Wooden Roller का प्रयोग किया जाता था परंतु उनसे केवल एक ही प्रकार के रिजल्ट उपलब्ध होते थे इसलिए नए प्लास्टिक के बने परमिंग रॉड व Roller का प्रयोग होने लगा।
Perming क्या होती है? What is Perming in Hindi
परमिंग (Perming) सीधे बालों को Curl देने की प्रक्रिया है परमिंग में जो वेब दिए जाते हैं वह स्थाई होते हैं और जब नए बाल उगते हैं तो वह Perm किए गए बालों की अपेक्षा सीधे होते हैं इसलिए स्टाइल को बनाए रखने के लिए बालों को Perm करने की आवश्यकता पड़ती है।
आइए जानें परमिंग करने से पहले कुछ ध्यान देने वाली बातें हैं:-
Perming करने से पूर्व हमें कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए। पहले बालों व सिर की त्वचा का ठीक से निरीक्षण करें। ताकि परमिंग करने की विधि व परमिंग लोशन का हम सही से चुनाव कर सकें।
1. Hair Condition:- परमिंग शुरू करने से पहले सिर की त्वचा का निरीक्षण करें यदि शरीर में किसी प्रकार के इंफेक्शन,एलर्जी,चोट या कट नजर आए तो परमिंग नहीं करनी चाहिए।
2. Hair Texture:- बालों का स्वभाव:- Perming शुरू करने से पहले बालों के स्वभाव पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सिल्की बालों में परमिंग का असर मुश्किल से ही हो पाता है तो इसके लिए प्रोसेसिंग टाइम को बढ़ाना पड़ता है।
3. सोखने की क्षमता:- यदि आपके बालों में सोखने की क्षमता हो तो ऐसे बालों में परमिंग नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसे बालों में परमिंग लोशन का असर अधिक हो जाता है जो बालों को नुकसान पहुंचाता है।
4. बालों का घनत्व:- परमिंग शुरू करने से पहले बालों का घनत्व जान लेना चाहिए क्योंकि इसी के आधार पर उनका विभाजन निर्भर करता है,और रॉड सिलेक्शन भी बालों के घनत्व पर निर्भर करती है।
5. लम्बाई- Length:- बालों की लंबाई के अनुसार ही परमिंग स्टाइल निश्चित किया जाता है। बालों की लंबाई कम से कम इतनी जरूर होना चाहिए कि 2.5 tern ले सकें।
6. ग्रोथ पेट्रन:- यदि बाल छोटे हैं जिनमें परमिंग की जा रही है तो नेचुरल ग्रोथ पेटर्न को ध्यान में रखना चाहिए ताकि फिनिश्ड स्टाइल ठीक आये।
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