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Covid-19 India in hindi: Lockdown in India today पुरे भारत में लॉक डाउन की मांग

Covid-19 India in hindi: Lockdown  in India पुरे भारत में लॉक डाउन की मांग

Lockdown in India, देशभर में कोविड-19 की दूसरी लहर काफी तेज रफ्तार से चल रही है। पिछले कुछ 24 घंटे में कोरोनावायरस के 3.5 लाख से अधिक मामले नजर आए हैं। यह आंकड़ा लगभग 50 देशों में सिर्फ 1 दिन में मिले मामलों से भी बहुत ज्यादा है देश भर में बढ़ रहे कोविड-19 के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए लॉक डाउन की मांग की जा रही है। वायरस की दूसरी लहर पर जल्दी से जल्दी नियंत्रण पाने के लिए पूरे भारतवर्ष में लॉकडाउन लगाने की जरूरत पर विचार विमर्श किया जा रहा है।


आइए आपको बताते हैं लॉकडाउन से जुड़े कुछ मुद्दों के बारे में:


उद्योग जगत ने की संपूर्ण लॉकडाउन की मांग

देश में यह पहले भी देख चुका है कि लॉक डाउन की वजह से अर्थव्यवस्था किस तरह से डगडगमगाती है, लेकिन लॉक डाउन की मांग इस पर उद्योग जगत की तरफ से की जाने लगी है। देश के सबसे बड़े उद्योग Chamber CII ने भी सरकार से अनुरोध किया है कि भारत में आम लोगों के कष्ट को कम करने के लिए उचित स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को सीमित करने का कदम उठाया जाए। देश के खुदरा कारोबारियों एवं छोटे व्यापारियों का संगठन CAIT पहले से ही लॉकडाउन का समर्थन कर बैठा है। और पढ़ें:➡️पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम क्या है और आप इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं

देशभर में लगना चाहिए लॉकडाउन:

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने खुद की तरफ से किए हुए एक सर्वे में दावा किया है कि 67.5 फीसदी लोगों ने उसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने की मांग की है जैसा कि पिछले साल मैं लॉकडाउन लगा था। Federation of all India Traders का कहना है कि लोग यह मानते हैं कि लॉकडाउन के बिना कोविड-19 को नहीं रोका जा सकता। राष्ट्रीय गृह मंत्री प्रवीण खंडेलवाल और कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भर्तिया ने एक सर्वे के आधार पर कहा कि दिल्ली और देश के 9117 लोगों ने अपनी राय दी है। 78.2 फीसदी लोगों का कहना है कि कोविड-19 देशभर में बेकाबू हो गया है। काफी हद तक लोगों ने भारतवर्ष में संपूर्ण लॉकडाउन लगवाने की मांग की है।
अधिकतर लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड-19 महामारी से निपटने में सक्षम हैं। वहीं दूसरी ओर 82.6% लोगों ने केवल एक केंद्रीय मंत्री को दिल्ली का प्रभारी मंत्री मनोनीत कर कोरोनावायरस से निपटने का सुझाव दिया। देश भर में 4 लाख से अधिक लोग रोज कोरोनावायरस से संक्रमित हो रहे हैं और इस अनुपात में उचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नहीं है जिसे जल्दी से सही करना बहुत जरूरी है ऐसे में संपूर्ण लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प है जिससे कोविड-19 जैसी महामारी को बढ़ने से रोका जा सके।

संपूर्ण लॉकडाउन एकमात्र तरीका: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि भारत में बढ़ रहे कोरोनावायरस को रोकने का एकमात्र तरीका संपूर्ण लॉकडाउन डाउन है अपितु, इसके साथ-साथ राहुल गांधी ने कम आमदनी वाले लोगों के लिए योजना के तहत सरकार से आर्थिक सहयोग की भी बात उठाई है। और पढ़ें:➡️ आप अपने इम्यूनिटी सिस्टम को कैसे बढ़ा सकते हैं इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने के कुछ उपाय जाने के लिए हमारी वेबसाइट पर आएं

सरकार पर बढ़ रहा है लॉकडाउन लगाने का दबाव!

कोविड-19 ने देशभर में पिछली बार जब तेजी से रफ्तार पकड़ी थी तो भारत सरकार की तरफ से लगाए गए लॉकडाउन के फैसले की बहुत आलोचना हुई थी लेकिन अबकी बार इसका उल्टा है सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है कि लॉकडाउन लगवाएं।
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लॉकडाउन लगाने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया सुझाव:

सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए केंद्र सरकार से कहा कि सरकार जनहित को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन लगाने के विषय में विचार करें जिससे कोरोनावायरस की बढ़ती हुई समस्या को रोका जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने करो ना मामले के लिए सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों पर कहा कि हम स्टेट और सेंटर सरकारों से गंभीरता से अनुरोध करते हैं कि वह किसी भी तरह लोगों की भीड़ इकट्ठा होने या किसी भी प्रकार के समारोहों पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार करें। हम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार कोविड-19 की दूसरी लहर पर रोक लगाने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन पर भी विचार विमर्श करें। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के लिए इस तरह का सुझाव देकर लॉकडाउन लगाने का फैसला करने का रास्ता बिल्कुल साफ कर दिया है। और पढ़ें ➡️आत्मविश्वास क्या है आप अपने आत्मविश्वास को कैसे बढ़ा सकते हैं

क्या सरकार ले सकती है बड़ा फैसला:

लॉकडाउन लगाने का केंद्र सरकार का अभी तक कोई विचार नहीं है। जब पिछले महीने की शुरुआत में वायरस की दूसरी लहर पूरे देश में तेजी से दौड़ रही थी उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संबोधन में कहा था कि लॉकडाउन अंतिम निर्णय होना चाहिये।