Ticker

6/recent/ticker-posts

बचपन की छोटी-छोटी आदतें Childhood Habits in Hindi

बचपन की छोटी-छोटी आदतें Childhood Habits in Hindi

खाने को इधर-उधर बिखेर देना, पानी से खेलना, दिन भर मोबाइल से चिपके रहना जैसी आदतें हर बच्चे में होती है। उनको छुड़ाने के लिए क्या आपने कोई कदम उठाया है?


अक्सर आपको अपने बच्चे के नाज-नखरे से दो-चार होना पड़ता है। जब भी बच्चा खाने बैठता है, या फिर आप उसे खिलाने की कोशिश करते हैं, तो आप को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। उछलने कूदने की उसकी यह फितरत खाते वक्त भी जारी रहती है, जिससे खाना यहां वहां गिरता रहता है। कुछ बच्चे तो खाने को इधर-उधर बिखेरते हुए उससे खेलने ही लग जाते हैं। खाते समय बच्चे का मोबाइल की मांग करना, इधर-उधर भागना और खाने को फैलाना अक्सर आपकी झल्लाहट का कारण बनती है, लेकिन आपकी यह खीझ उसके बाल मन पर बुरा असर डाल सकती है। ऐसे में खुद को सौम्य रखते हुए उसकी आदतों में सुधार लाएं।

Parenting Tips in Hindi 

उसकी हरकत, आप की हिदायत:

बच्चे [शिशु] के लगभग 2 वर्ष का होने पर उसे खानपान की उचित और सभ्य आदतें सिखने का सही समय होता है। आप उसे खाने का सम्मान करना सिखाएँ। किस तरह से खाना चाहिए, और खाना फैलाना अच्छी बात नहीं है। इसे बताते हुए उसकी आदत में सुधार लाना चाहिए। आपके बच्चे को जो ना पसंद हो उसे खाने के लिए जोर जबरदस्ती ना करें। पौष्टिक तत्वों से भरपूर खाने का स्वाद अगर उसके मन मुताबिक नहीं है, तो स्वाद में बदलाव कर सकती है। कभी-कभी बच्चे का पेट भरा होने के कारण वह खाने में आनाकानी करता है। अगर ऐसा है तो खाने के लिए उस पर दबाव बिल्कुल ना बनाएँ, हो सके तो उसकी प्लेट में ज्यादा खाना परोसने से भी बचें।



पानी पर मनमानी:

ज्यादातर बच्चों को पानी से खेलना खूब भाता है। बाथरूम, किचन या नल वाली जगह पर वे पानी से खेलते हुए उसकी खूब बर्बादी करते हैं  ऐसे में पानी के महत्व को बताते हुए आप बच्चे को ऐसा करने से रोक सकते हैं। अक्सर बच्चे दूसरों को देखकर वैसा ही करने की कोशिश करते हैं, इसलिए आप खुद भी पानी बचाने की कोशिश करें। आप उसे पानी के इस्तेमाल के सही तरीकों के उदाहरण देकर समझाएं, जैसे कि नहाने से पहले वह बाल्टी टब भरे। नहाते समय नल बंद रखे। घर आने पर स्कूल की पानी की बोतल में बचे पानी को गमले या किसी पेड़ की जड़ में डाल दें  ब्रश करते समय नल बंद रखें।


मोबाइल की लत

कम उम्र में ही बच्चों की जिद या उन्हें व्यस्त रखने के लिए कुछ माता-पिता उनके हाथ में मोबाइल थमा देते हैं। जब बच्चे को इसकी आदत लग जाती है तो वह सख्ती दिखाने लगते हैं, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है, पर बच्चा छुप-छुपकर मोबाइल चलाने लगता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे के मन की दिशा आउटडोर गेम्स की तरफ मोड़े। आप भी उनके साथ कुछ इंडोर गेम्स खेल सकते हैं। मोबाइल तो उसे बिल्कुल ना दे, और काम के बाद अपने मोबाइल का इंटरनेट कनेक्शन भी बन्द कर दें।

Parenting Tips in Hindi, बचपन से ही सिखाएं बच्चों को ये 5 बातें, जिंदगी भर होगा नाज उन पर


सभी माता-पिता यह चाहते हैं, कि उनके बच्चे बेहतर इंसान बने। अपने से बड़ों का आदर सत्कार करें, और गलत रास्ते पर चलने से बचें। लेकिन अच्छा इंसान बनने के लिए शिष्टाचार की आवश्यकता होती है। बच्चों को बचपन से ही शिष्टाचार देना चाहिए। यह एक ऐसी आदत है, जो हर उम्र में और हमेशा आपके बच्चों के साथ रहती हैं। बचपन से ही बच्चों के अंदर कुछ आदतें होती हैं। इसलिए मां-बाप की यह जिम्मेदारी होती है, कि वह अपने बच्चों को छोटी-छोटी आदतें सिखाएं।

धैर्य रखना सिखाएं

आज के समय में अधिकतर लोगों में धैर्य की कमी देखी जाती है, हर चीज उनको जल्दी चाहिए। लेकिन अपने बच्चों को धैर्य रखना सिखाएं। उनको यह बात समझाएं कि इंतजार और धैर्य से ही काम बनते हैं, और किसी भी कार्य को जल्दबाजी से ना करें। इसके अतिरिक्त बच्चों में शेयरिंग की आदत डालें। शेयर करने से रिश्ते में मजबूती आती है। अपने बच्चों को यह एहसास दिलाएं कि कोई भी चीज केवल उनके लिए ही नहीं है।

सॉरी और थैंक यू कहना सिखाएं

अपने बच्चों को सॉरी और थैंक्यू बोलना सिखाएं। बच्चों के अंदर इससे दूसरों के प्रति सम्मान की भावना को उजागर होती है। इसके अतिरिक्त बच्चों को यह बात भी सिखाएं, की अपने से बड़ों की बात माने। उनके दिमाग में इस बात को सेट करें, कि आपसे बड़े जो आप को कहते हैं, हमेशा आप के भले के लिए ही बोल रहे हैं।

ईमानदारी सिखाएं

ईमानदारी का सबक अपने बच्चों को जरूर सिखाएं। उनके अंदर इमानदारी की आदतें डालें। इसके अतिरिक्त उनको प्रत्येक दिन प्रार्थना करने की आदत डालें। प्रार्थना करने से बच्चों के अंदर सकारात्मकता बढ़ती है।

मदद करना सिखाएं

अपने बच्चों को इस बात के लिए प्रेरित करें, कि अगर कोई किसी मुसीबत में हो, तो उसकी सहायता करनी चाहिए। ना केवल जानने वालों की मदद करें, बल्कि जिनको आप नहीं भी जानते हो, उनकी मदद के लिए भी अपने बच्चों को प्रेरित करें, और इस बात के साथ-साथ उनको यह भी सिखाएं, की समय की कद्र करनी चाहिए। बच्चे को हर काम सही वक्त पर करना सिखाएं, और लापरवाही से काम ना करें। इस बात को भी सिखाएं।

Post a Comment

0 Comments