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हिमाचली पहाड़ों में पाए जाने वाली बिछु बूटी सेहत के लिए होती है बहुत फायदेमंद

हिमाचली पहाड़ों में पाए जाने वाली बिछु बूटी सेहत के लिए होती है बहुत फायदेमंद  The bichhu herb found in the Himachali mountains is very beneficial for health


बिच्छू बूटी - प्राचीन समय से ही बीमारियों का इलाज करने के लिए पेड़ पौधे जड़ी बूटियां को औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। आजकल भी बहुत से लोग आयुर्वेदिक इलाज में विश्वास रखते हैं । ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के बारे में हम अपने इस लेख में बताने जा रहे हैं। बता दें कि हिमाचल में पाई जाने वाली बिच्छू बूटी बहुत से गंभीर बीमारियों का इलाज करने में उपयोग की जाती है। इस बुटी का वैज्ञानिक नाम अर्टिका डाइओका  है या आप यह भी कह सकते हैं कि इस अर्टिका डाइओका  urtica dioicaके नाम से भी जाना जाता है। 

बिच्छू बूटी को डंक मारने वाले पौधे के नाम से भी जाना जाता है Nettle Leaf पहाड़ी इलाकों में पाए जाने वाला पौधा है। हिमाचली भाषा में इसे कुगस कहा जाता है। हिमाचल के लोगों ने इसे अपने रसोई का हिस्सा बनाया हुआ है यह पौधा हिमाचल में प्रचुर मात्रा से उगता है हिमाचली परंपरा के अनुसार यह पौधा साग या चटनी के रूप में उपयोग में किया जाता है।  कुछ इलाकों में बिच्छू बूटी से चाय, जूस, सुप आदि भी बनाए जाते हैं। यह एक प्राकृतिक औषधि है, जो स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक मानी जाती है।  इसमें पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं यह पौधा थकान दूर करने, हड्डियों को मजबूत करने और इम्युनिटी बढ़ाने का कार्य करता है। इसकी पोषण क्षमता की वजह से हिमाचल के लोग इसे बहुत ही पसंद करते हैं और यह सर्दियों में इस्तेमाल किए जाने वाला पौधा है।

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पोषक तत्व का खजाना बिच्छू बूटी Nettle, a treasure trove of nutrients

  • बिच्छू बूटी  के पत्तों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें कई प्रकार के खनिज और विटामिन शामिल होते हैं। बिच्छू बूटी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन ए के और  सी भरपूर मात्रा में पाई जाती है। इससे मिलने वाली विटामिन सी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। 
  • विटामिन-ए त्वचा एवं आंखों की रोशनी की समस्याओं को खत्म करने में मदद करता है। आयरन की प्रचुर मात्रा होने से थकावट और एनिमेनिया दूर होते हैं ।
  • इसमें  पाए जाने वाले कैल्शियम हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करता है। 
  • बिच्छू बूटी में बियोएक्टिव कंपाउंड् पाए जाते हैं जो सूजन को कम करने में सहायक होते हैं यह जोड़ों के दर्द गठिया जैसी समस्याओं से राहत देता है।

बिच्छू बूटी का इस्तेमाल  किन बीमारियों में किया जाता है

  • बिच्छू बूटी का इस्तेमाल जोड़ों के दर्द, गठिया जैसी समस्या  को दूर करने में किया जाता है। 
  • यह यूरिन के रास्ते में होने वाले इन्फेक्शन  को कम करता है। 
  • इसमें रक्त रोधी गुण पाए जाते हैं जो स्क्रीन से जुड़ी समस्याएं जैसे मुंहासे ,एग्जिमा आदि समस्याओं को दूर करता है। 
  • यह स्क्रीन में होने वाली एलर्जी को खत्म करने में मदद करता है। 
  • बिच्छू बूटी में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे शरीर में  हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है और खून की कमी को पूरा करता है।

बिच्छू बूटी का सेवन किस को नहीं करना चाहिए 

  • जो व्यक्ति लोग ब्लड प्रेशर से पीड़ित है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को और कम कर देती है। 
  • गर्भवती महिला या स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से गर्भाशय के संकुचन को बढ़ावा मिलता है इसीलिए गर्भवती महिला को इसके सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • यदि कोई व्यक्ति डायबिटीज की दवा का सेवन कर रहा है तो उन्हें भी इस बूटी का सेवन नहीं करना चाहिए। 
वैसे तो बिच्छू बूटी एक आयुर्वेदिक औषधि है फिर भी इसका सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से आवश्यक पूछताछ कर ले।

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