Best tourism place in Mandi,devidahad (देवीदहड़) Park
देवीदहढ़ मंडी हिमाचल प्रदेश जिउनी घाटि में एक खूबसूरत जगह है। देवीदहड़ देवदार के घने जंगल से घिरा हुआ है, और बड़े हरे भरे मैदान और मुंडासन माता का सुंदर मंदिर है जो घने पेड़ों से घिरा हुआ है। वहां सुंदर दृश्य के साथ घने जंगल है।
हरे-भरे खेत, घास के मैदान और घने देवदार के जंगल होने के कारण यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यह स्थान 7800 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और जिउनी घाटी का अंतिम गाँव है। माता मुंडासन का मंदिर यहाँ स्थित है। देवीदहड़ दो ट्रैकिंग मार्गो शिकारी माता और देव कमरूनाग का आधार है। पर्यटक देवीदहड़ में वन विश्राम गृह में रह सकते हैं।
माता मुंडासन मंदिर
देवीदहड़ के पहाड़ों में सुंदर घर हैं।जंगल के बीच में एक बहुत पुराना पुल है। देवीदहड़ एक मिनी - खजियार की तरह दिखता है।
कैसे पहुँचे देवीदहड़ पार्क?
मंडी से, हम डडॉर में पहुंचे, जो समुद्र तल से 900 मीटर की दूरी पर है। फिर चैल चौक,जो डडॉर से 13 किमी दूर है। चैल चौक के बाद हमें कोट से एक मोड़ लेना है। कोट चैल चौक से कोट लगभग 2 किमी दूर है।
देवीधार मंडी से लगभग 56 किमी दूर है और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। और चैल चौक से 17 किमी।
7800 फुट की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के गोहर विकास खंड की जहल पंचायत के देवीदड़ तालाब में वोटिंग का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर नाचन के विधायक विनोद कुमार ने फीता काटकर शुभारंभ किया। बता दें कि मनरेगा के तहत 25 लाख रुपए की लागत से निर्मित इस तालाब की क्षमता 12 लाख लीटर है। इसकी विशेषता है कि यह जिले में पहला ऐसा तालाब है, जिसके अंदर भी लाइटें लगी हैं। स्थानीय पंचायत के द्वारा अब इसका नाम देवीदड़ ताल रखा गया है। अब यहां पर भी मुरहाग के मनरेगा पार्क की तरह पर्यटक व स्थानीय लोग वोटिंग का मजा दिन और रात के समय ले सकते हैं। तालाब के साथ एक खूबसूरत फवारा भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जिससे देवीदड़ की खूबसूरती को चार चांद लग गए हैं।
मनरेगा के तहत 25 लाख से निर्मित तालाब की क्षमता 12 लाख लीटर पानी की है। इसकी विशेषता है कि यह जिले में पहला ऐसा तालाब है। जिसके अंदर भी लाइटें लगी हैं। स्थानीय पंचायत ने अब इसका नाम देवीदड़ ताल रखा है। अब यहां पर भी मुरहाग के मनरेगा पार्क की तरह पर्यटक व स्थानीय लोग वोटिग का मजा दिन और रात के समय ले सकते हैं।
तालाब के साथ एक खूबसूरत फवारा भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जिससे देवीदड़ की खूबसूरती को चारचांद लग गए हैं। देवीदड़ पार्क पर अब तक 50 लाख रुपये व्यय हो चुके हैं।
देवीदड़ पार्क पर अब तक 50 लाख रुपये व्यय हो चुके हैं। आने वाले समय में यह पार्क देश और प्रदेश के लिए मनरेगा निर्मित मिसाल पेश करेगा। पंचायत प्रधान ओमप्रकाश ने कहा कि देवीदहढ़ शिकारी देवी और देव कमरुनाग के देवदारों से घिरे जंगल के बीचोंबीच प्राचीन काल से लेकर अपने सौंदर्य से विख्यात है। हजारों लोग यहां से होते हुए शिकारी देवी को होते हुए जाते हैं, जबकि हर यहां हजारों लोग पर्यटक के रूप आते हैं। देवीदहढ़ पर्यटकों को अपनी तरफ खूब आर्कषित करती है। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थल के विकास में विकास खंड अधिकारी निशांत शर्मा का बड़ा योगदान रहा है। उनके दिशनिर्देशनुसार स्थल का कायाकल्प किया जा रहा है।
बीडीओ गोहर निशांत शर्मा ने पर्यटन स्थल देवीदहढ़ में आने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जो कार्य कर दिखाया है। यह पंचायत का एक सरहानीय कदम है। उन्होंने कहा कि यहां की वादियां प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई और चारों और घने देवदार जंगल हैं। यह स्थान 7800 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और यह ज्यूंणी वैली का अंतिम गांव है। माता मुंडासन का मंदिर यहां स्थित है। देवीदढ़ ट्रेक मार्ग पर है जंजैहली-शिकारी देवी-देवीदढ़-कामरुनाग से भी विख्यात है। यहां आने वाले पर्यटक देवीदढ़ में वन विश्राम गृह व यहां अन्य गेस्ट हाऊस में रह सकते हैं। इस मौके नाचन के विधायक विनोद कुमार ने परिवार सहित वोटिंग का आनंद लिया।
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