भांग के फायदे और नुकसान Benefits and Side Effects of Cannabis in Hindi
हममें से बहुत से लोगों ने शायद होली के त्यौहार या शिवरात्री के त्योहार पर भांग का उपयोग ठंडाई (घोटा) के रूप में, भांग की बर्फी के रूप में, भांग के पेड़े के रूप में, भांग के पकोड़े में रूप में नशे के लिए किया है। लेकिन क्या आप लोग यह जानते हैं, कि जिस भांग को नशे के लिए आप इस्तेमाल करते हैं। भांग औषधीय गुणों से भरपूर है। भांग के अंदर कनाबीनोइड (Cannabinoid) नाम का तत्व पाया जाता है जो पित्त और कफ जैसी समस्याओं को दूर करता है।
भांग हरे रंग का एक पौधा है जिसका स्वाद फीका और कड़वा होता है। भांग के पत्ते का आकार नीम के पत्तों की तरह मिलता जुलता है। इसकी तासीर गर्म होती है। भांग का सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। अच्छी नींद भी आती है। गले की आवाज को साफ करने में भी सहायता देती है, तो आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि भांग के क्या फायदे हैं, और क्या नुकसान।
भांग के फायदे:
कैंसर में भांग के फायदे:
कैंसर की दवाई को बनाने के लिए भांग का उपयोग किया जाता है। इसके साथ-साथ भांग का इस्तेमाल एचआईवी/एड्स की दवाओं के निर्माण में भी किया जा रहा है। वैज्ञानिक अभी भी भांग को लेकर प्रयोग करते जा रहे हैं। प्रयोग शाला में भांग का इस्तेमाल करने से देखा गया है, कि कैंसर की कोशिकाओं को भांग नष्ट कर देती है।
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ग्लूकोमा में भांग के फायदे:
ग्लूकोमा को काला मोतियाबिंद भी कहा जाता है। इसमें मस्तिष्क वाली नस को नुकसान होता है। ऑप्टिक नर्व द्वारा ही हमारे संदेश दिमाग तक पहुंचते हैं। ग्लूकोमा हमारी इसी नर्व को ही नुकसान पहुंचाता है और हमारे देखने की क्षमता पर असर डालता है नेशनल आई इंस्टीट्यूट अमेरिका के अनुसार भांग का सेवन ग्लूकोमा के लक्षण को खत्म करता है।
कान दर्द में राहत:
8 से 10 बूंदे भांग के रस की कान डालने से कान में मौजूद कीड़े मर जाते हैं। जिस से आप कान दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। भांग को पहले अच्छे से पीस ले, फिर सरसों के तेल में उसे अच्छी तरह पका लें, उसके बाद उसे छान लें। अब आप उस तेल को कान में डाल सकते हो जिससे किसी भी प्रकार के दर्द में आप छुटकारा पा सकते हो।
पेचिश दूर करने के लिए:
भांग की पत्तियों को पीसकर अच्छे से चूर्ण बना लें फिर 120 मिलीग्राम भांग के चूर्ण को सौन्फ के रस के साथ (6 बुंदे) दिन में दो बार इस्तेमाल करने से पेचिश की प्रॉब्लम दूर हो जाती है।
50 मिलीग्राम पोस्तु दाने (खसखस) के साथ भांग का 100 मिलीग्राम चूर्ण मिलाकर सुबह शाम इस्तेमाल करने से दस्त और आवं की समस्या दूर हो जाती है।
भांग के कुछ और फायदे:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भांग का सही उपयोग करने से इसके बहुत से फायदे हैं।
- गठिया की प्रॉब्लम में भांग के बीज के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है।
- भांग का सेवन करने से इंसान को अलग सी खुशी का एहसास होता है, और जिसकी वजह से बार-बार इसका इस्तेमाल करने का मन होता है। लेकिन इसके आदी ना हों।
- भांग खाने से ख़ुशी का एहसास इसलिए होता है क्योंकि भांग की वजह से डोपामिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है।
- डोपामिन को "Happy Harmon" भी कहते हैं। यह हमारे मूड को कंट्रोल करता है, और हमारे अंदर खुशी के लेवल को बढ़ा देता है।
- भांग के सूखे पत्तों को पीसकर इसका पाउडर सूंघने से सर दर्द में राहत मिलती है।
- भांग के तेल से पैरों के तलवे में मालिश करने पर नींद बहुत अच्छी आती है। अगर किसी को नींद ना आने की समस्या हो तो वह लोग भांग के तेल की मालिश करके इसमें समस्या का समाधान कर सकते हैं।
- अगर आपको कहीं जख्म या घाव हो गया हो तो भांग के हरे पत्तों को अच्छे अच्छे से पीसकर जख्म पर लगाने से जख्म जल्दी भर जाते हैं।
- भांग की पत्तियों को पीसकर उसमें गुड़ मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना कर रख लें। रोजाना एक या दो गोलियां लेने से सर्दी बुखार जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
भांग को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
अंग्रेजी में भांग को मैरिजुआना, कैनाबीस (Cannabis), विड भी कहते हैं। इसके अंदर टेट्राहाइड्रोकार्बनबिनोल मौजूद होता है। इसे हम आसान शब्दों में टीएचसी में कहते हैं।
कुछ ही देर में हो जाता है भांग का असर:
अगर आप भांग को बीड़ी और सिगरेट मैं जलाकर पीते हैं तो इसका असर बहुत जल्दी होने लगता है या यूं कहें कि कुछ सेकंड में इसका असर शुरू हो जाता है।
हमारे फेफड़े भांग के धुयें को जल्दी सुख लेते हैं, जिसकी वजह से भांग का नशा दिमाग तक पहुंच जाता है।
भांग हमारे दिमाग को कुछ ज्यादा ही सक्रिय बना देता है और इसका असर लंबे और थोड़े वक्त दोनों के लिए होता है।
भांग का नशा करने से थोड़े समय के लिए दिमाग हाइपर एक्टिव हो जाता है। जिसकी वजह से आसपास की चीजों को महसूस करना मुश्किल होता है, और सोचने समझने की कैपेसिटी भी कम होने लगती है।
अगर भांग का सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाए तो यह हमारे दिमाग को विकसित होने पर भी असर डाल सकता है।
भांग के नुकसान:
भांग का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि अगर आप इसके आदी बन गए तो यह बहुत घातक सिद्ध हो सकता है।
ज्यादा सेवन करने से आपके शरीर में कमजोरी आ सकती है।
बम का अत्यधिक सेवन पुरुषों के लिए बहुत गलत है क्योंकि इसके अन्धाधुंध सेवन से पुरुष नपुंसक भी हो सकते हैं।
भांग और गांजा में अंतर:
अक्सर यह देखा गया है कि भांग और गान्जा को लोग एक समान मानते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, यह दोनों एक ही है यह दोनों एक ही पौधे के अलग-अलग रूप हैं। भांग को नर और गान्जा को मादा प्रजाति में माना जाता है।
गांजा के अंदर टेट्राहाइड्रोकार्बनबिनोल यानी टीएचसी लेबल भांग के मुकाबले ज्यादा होता है।
गांजा पति और फूल को सुखाकर बनाया जाता है। और भांग पत्तियों को पीसकर या रगड़ कर तैयार की जाती है।
यह पूर्ण रूप से एक भारतीय पौधा है भारत में गांजे पर प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन भांग का इस्तेमाल खुले तौर पर किया जाता है, जैसे कि शिवरात्रि में घोटा बनाने के लिए भांग की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। होली के त्यौहार पर भी बहुत सी जगहों पर इसका घोटा (ठंडाई) बनाई जाती है।
नोट: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्या को दूर करने या बीमारी से राहत पाने के लिए अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ले लें।
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