Omicron Variant क्या है? Covid-19 ओमिक्रॉन वेरिएंट (वायरस) के लक्षण, बचाव और सावधानियाँ
Omicron Variant: कोरोनावायरस या कोविड-19 का एक नया रूप (वेरिएंट) ओमिक्रॉन वायरस (Omicron Virus) है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO (डब्ल्यूएचओ) की जानकारी के मुताबिक 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका में इसके लक्षण पहली बार पाए गए थे। डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर 2021 को ओमिक्रोन वायरस से चिंता व्यक्त की थी। इस वायरस का नाम ग्रीक वर्णमाला के 15वें अक्षर ओमाइक्रोन के नाम पर दिया गया।
Omicron Virus (Variant) Kya hai in Hindi ओमिक्रॉन वायरस
कोरोनावायरस अब एक नए रूप में विश्व को डरा रहा है। वैज्ञानिकों के लिए इस बार कोरोना का ओमिक्रॉन वैरीअंट चिंता का विषय बन गया है। इस संक्रमण के मामले भारत तक भी पहुंच चुके हैं इससे बचाव को लेकर सख्ती और जागरूकता दोनों ही अपनाए जा रहे हैं।
हम आपको बताएंगे कि इस वायरस के लगातार बदलते रूप को नाम देने का तरीका क्या है। किस तरह से इस वेरिएंट (वायरस) का नाम ओमीक्रॉन पड़ा और इसका क्या मतलब है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोविड-19 के इस नए वैरीअंट को नॉन साइंटिफिक नाम दिया जाए। जिससे विश्व भर में लोग इससे बचाव को लेकर जागरूकता दिखाएं। इस वजह से संगठन ने यह निर्णय लिया कि नए वायरस का नाम ग्रीक शब्दावली के 15वें अक्षर पर रखा जाएगा। ग्रीक शब्दावली में अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा जैसे अल्फाबेट मौजूद हैं। जिनके आधार पर इस वायरस के वैरिंट को यह नाम दिया जा रहा है।
इस वायरस के वैरीएंट को ओमिक्रॉन नाम दिया गया है। वेरिएंट या वायरस को नामांकित करते हुए यह ध्यान रखा गया है, कि किसी भी सामाजिक, राष्ट्रीय, सांस्कृतिक, क्षेत्रीय या जातीय समूहों के खिलाफ या अपमानजनक ना हो। इस वैरीएंट को ओमिक्रॉन नाम 24 नवंबर 2021 को दिया गया। अब तक यह वायरस 57 देशों में फैल चुका है।
ओमिक्रॉन के संक्रमण को जुकाम समझने की ना करें भूल
संभवत: ओमिक्रॉन का संक्रमण जुकाम की तरह ही दिखता है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वेंकी सुंदर राजन द्वारा किए गए रिसर्च में कई बातें सामने आई हैं।
कोविड-19 का यह नया वेरिएंट (Omicron Variant) के कई मामले भारत के साथ-साथ अन्य देशों को भी मिल चुके हैं। जो कि एक चिंता का विषय बन गया है। शोधकर्ता इस वैरीएंट को समझने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। इस नए संक्रमण को लेकर रिसर्च में यह बात सामने आई है, कि यह सामान्य सर्दी की तरह ही नजर आता है। इसलिए इसे पहचान पाना काफी मुश्किल हो गया है। शोधकर्ताओं का यह कहना है कि इस वायरस ने सामान्य जुकाम वाले वायरस से अनुवांशिक सामग्री प्राप्त की हो। ओमीक्रॉन वायरस के लक्षण अन्य वेरिएंट से अलग नजर आ रहे हैं। इस वायरस के लक्षण काफी गंभीर नहीं है, जिससे लोगों को इसका पता लगाने में काफी देरी हो सकती है।
राइटर्स के अनुसार, शोध में मिली जानकारी से पता चला है कि ओमिक्रॉन वायरस बहुत तीव्रता से फैलता है। इसके लक्षण या तो दिखते ही नहीं या फिर बहुत ही हल्के दिखते हैं। ऐसी स्थिति में सवाल यह उठ रहे हैं कि ओमीक्रोन कोविड-19 के दूसरे वेरिएंट्स से काफी खतरनाक है और क्या यह गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है।
Symptoms of Omicron Variant in Hindi ओमिक्रॉन वेरिएंट (वायरस) के लक्षण
ओमिक्रॉन वेरीएंट को लेकर अभी तक कुछ ज्यादा जानकारी हासिल नहीं हो पाई है। लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि डेल्टा वेरिएंट की अपेक्षा यह वायरस काफी तेजी से दूसरों को संक्रमित करता है। वैज्ञानिकों ने अवगत किया है, कि ओमिक्रॉन फिलहाल भले ही ज्यादा घातक दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन इस वायरस की गंभीरता को नकारा नहीं जा सकता। इसलिए इससे सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिए इसकी गाइडलाइन का पालन करना काफी जरूरी है।
Omicron Variant Symptoms in Hindi: कोविड-19 के नए वेरिएंट (Omicron) ओमीक्रॉन ने पूरी दुनिया भर में हड़कंप मचा दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ (WHO) का कहना है कि यह चिंता का विषय जरूर है, लेकिन ओमिक्रॉन के लक्षणों के बारे में अभी तक स्पष्ट संकेत नहीं मिल पा रहे हैं। क्योंकि ओमिक्रॉन से संक्रमित होने वाले लोगों की परेशानियों के आधार पर इसके लक्षण कुछ डेल्टा वायरस से अलग दिखते हैं।
Omicron Symptoms in Hindi ओमिक्रॉन वेरिएंट के लक्षण हिंदी में
ओमिक्रॉन की रफ्तार भारत में काफी तेज गति से बढ़ती जा रही है। देशभर में ओमिक्रॉन के 228 मामले सामने आ गए हैं। डेल्टा वायरस की तुलना में ओमिक्रॉन वायरस काफी अलग है। इस वायरस की संक्रामकता काफी ज्यादा है। ऐसी स्थिति में ओमिक्रॉन के लक्षणों को समझ लेना काफी जरूरी है। जिससे समय रहते इसकी पहचान हो सके।
कोविड-19 की पिछली लहर में डेल्टा वायरस ने काफी कहर मचा रखा था। डेल्टा के लक्षण हल्के से गंभीर है और इसमें मरने वालों की संख्या भी बहुत थी। डेल्टा वायरस में मरीजों को लगातार खांसी, सीने में दर्द, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन लेवल अचानक से कम हो जाने जैसे लक्षण देखने को मिले थे। लेकिन ओमीक्रॉन के लक्षण इससे बिल्कुल अलग है। जिन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
आप के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी ⬇️
➡️ थकान को कैसे दूर करें? थकान दूर करने के घरेलू उपाय।
काफी थकान महसूस होना
कोविड-19 के पहले वेरिएंट के जैसा ही ओमिक्रॉन वायरस की वजह से भी काफी ज्यादा थकान महसूस हो सकती है। कम एनर्जी और थकान के साथ हमेशा आराम करने का ही मन होता है। जिस वजह से हमारे रोजमर्रा के कामों में दिक्कत पैदा हो सकती है। हालांकि यह ध्यान देना काफी जरूरी है कि थकान किसी और वजह से भी हो सकती है। लेकिन फिर भी अच्छा यही होगा कि सही से बजह जानने के लिए कोरोना का टेस्ट जरूर करवा लें।
गले में चुभन
एंजेलिक कोएत्जिका जोकि एक दक्षिण अफ़्रीकी डॉक्टर हैं, उनका कहना है कि Omicron से संक्रमित हुए मरीज को गले में खराश और चुभन का अनुभव हो सकता है। जो एक सामान्य बात है। गले में चुभन और खराश काफी हद तक एक जैसा ही हो सकते हैं। इसमें गले में जलन चुभन क्या कुछ गड़ने जैसा महसूस होता है। जबकि खराश से गले में ज्यादा दर्द होता है।
बुखार
कोविड-19 में बुखार एक आम लक्षणों में से एक है। कोविड-19 के पिछले वैरीएंट में हल्के से तेज बुखार तक के लक्षण देखे जा चुके हैं। डॉक्टर के अनुसार Omicron के मरीजों को हल्का बुखार हो रहा है जो अपने आप ही ठीक भी हो रहा है।
शरीर में दर्द और रात को पसीना आना
स्वास्थ्य विभाग ने Omicron के लक्षणों में दो और नई बातें शामिल की है। पहला इससे आपके शरीर में काफी तेज दर्द महसूस हो सकता है।
और रात को सोते समय आपको काफी ज्यादा पसीना पड़ सकता है जिसे आपके बिस्तर या कपड़े गीले हो सकते हैं।
सूखी खांसी होना
Omicron के मरीजों में सूखी खांसी का होना भी एक लक्षण है, जो कि एक ऐसा लक्षण है जो कोविड-19 के अब तक के सभी स्ट्रेन में देखा जा चुका है। आमतौर पर यह सूखी खांसी गले में खराश के साथी आती है। अब तक मिले डेटा के अनुसार, omicron में हल्के लक्षण ही महसूस होते हैं।
ओमिक्रॉन से बचाव के लिए क्या करें? What to do to protect against Omicron in Hindi?
ओमिक्रॉन से सावधानियाँ Precautions from Omicron in Hindi
वैज्ञानिकों का मानना है कि फिलहाल ओमिक्रॉन भले ही ज्यादा घातक नहीं दिख रहा, परंतु इससे संक्रमण की दर की गंभीरता को नहीं नकारा जा सकता। इसलिए सतर्कता हर हाल में आवश्यक है। ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाव के लिए सरकार की सभी गाइडलाइन का पालन करना आवश्यक है।
मास्क सही तरीके से इस्तेमाल करें।
भीड़-भाड़ वाली जगहों से जाने से बचें।
उचित वेंटीलेशन की व्यवस्था करें।
हाथों के लिए हाइजीन का ख्याल करें और हर परिस्थिति में वैक्सिंग जरूर लगवाएं।
ओमिक्रॉन के बचाव के लिए हम क्या कर सकते हैं?
हमारे पास ओमिक्रॉन के बचाव के लिए वही तरीके हैं, जो कि दूसरे वेरीएंटस (वायरस) के लिए हैं। यानी- दूरी बनाए रखना, मास्क इस्तेमाल करना, वैक्सीन और बंद कमरों में वेंटिलेशन।
इस तरह से वायरस के संपर्क में आने से आप बचे रहेंगे और इसका फैलाव भी कम हो जाएगा और वहीं पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करके भी वायरस के नए म्यूटेशन मौके भी सीमित रहेंगे।
वैज्ञानिकों का मानना है कि डेल्टा वेरिएंट के बाद "वेरिएंट ऑफ कंसर्न" वाले नए वेरिएंट (वायरस) का आना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन ओमिक्रॉन ने सब को हैरान कर दिया है।
ओमिक्रॉन "वैरीएंट ऑफ कंसर्न" बनने लायक भले ही गंभीर हो या नहीं परंतु यह बात साफ है कि कोविड-19 वायरस का यह विकास आगे भी परेशान कर सकता है। इन आशंकाओं को हम जितनी जल्दी कम कर दे, उतना सबके लिए सही होगा।
Better Immunity Tips for Omicron Variant in Hindi ओमिक्रॉन वेरिएंट के लिए बेहतर इम्युनिटी टिप्स
दुनियाभर में करोड़ों लोग कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से लोग इस वायरस की चपेट में आए और संक्रमित हो हुए। भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर को झेल लिया है। दूसरी लहर में डेल्टा वायरस ने काफ़ी तबाही मचाई हुई थी। अब कोविड-19 का दुसरा वेरीएन्ट ओमिक्रॉन की बजह से पुरे विश्व भर में दहशत का माहौल बना हुआ है। हम सबने महामारी की शुरुआत से लेकर अभी तक जो सबसे ज्यादा सुना है, वो है इम्यूनिटी।
इम्यूनिटी मतलब रोग प्रतिरोधक क्षमता। हमें हमारे लाइफ स्टाइल में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करने की आवश्यकता है। तो आइए जानते हैं उन बदलावों के बारे में जिस से कोविड-19 के इस नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से खुद को बचाया जा सके।
और भी पढ़ें➡️ डिप्रेशन (तनाव) क्या है कैसे दूर करें डिप्रेशन (तनाव)
तनाव से रहें दूर
हमारे मानसिक स्वास्थ्य को तनाव काफी नुकसान पहुंचाता है। यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को ही नहीं अपितु शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी हानिकारक है। शोध से यह पता चला है कि तनाव से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। इसलिए काम से थके हुए आने के बाद कुछ ऐसे काम जरूर कर ले, जिससे आप अपने मन को तरोताजा कर सके।
पूरी नींद ले
खराब नींद की वजह से हमारे इम्यूनिटी सिस्टम पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यदि आप कम से कम 7 या 8 घंटे की नींद नहीं ले पा रहे हो तो यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना सकता है। यदि आपको रात को सोते समय नींद अच्छी तरह से नहीं आती तो सोने से पहले अपने हाथों और पैरों को पानी से धोएं। इससे आप रिलैक्स हो जाएंगे और आपको नींद भी अच्छी आएगी।
हेल्दी डाइट का सेवन करें
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए हैल्दी डाइट का होना बेहद जरूरी है। आप अपने रोज की डाइट में सब्जियां, फल, फलियां, नट्स, बीज इत्यादि को जरूर शामिल करें। इन सभी चीजों में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर पाई जाती है, जो कि हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता देता है।
व्यायाम जरूर करें
शरीर को फिट और स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज रोजाना जरूर करें। यह जरूरी नहीं है कि आप एक्सरसाइज करने के लिए जिम ही जाएं। आप घर में रहकर भी हल्की-फुल्की एक्सरसाइज प्रतिदिन कर सकते हैं। सुबह उठकर योग कर सकते हैं। शरीर को बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए हमारे इम्यूनिटी सिस्टम का स्ट्रांग होना काफी जरूरी है।
इस लेख में बताई गई विधियां, दावे और तरीकों का ऑल इन वन Allinone पुष्टि नहीं करता है। यह केवल सुझाव के रूप में प्रयोग में लाएं। किसी तरह की डाइट, दवा व उपचार के लिए पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें।
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box