Best Hindi Comedy Poem's for Kid's हिंदी में हास्य कविताएं बच्चों के लिए
कुक्कु
नाम है उसका कुक्कु
कुक्कु माने कोयल होता
लेकिन यह तो दिन भर रोता
इसलिए हम इसे चिढ़ाते
कहते इसको सक्कू
नाम है उसका कुक्कु
कोयल माने मिश्री जैसी
मीठी जिसकी बोली
यह तो भड़क जाता, करो जब इससे तनिक ठिठोली
इसलिए तो कभी-कभी हम
कहते इसको बक्कू
नाम है उसका कुक्कु।
कुक्कु वह जो गाना गाए
बात-बात में जो चिढ़ जाए
रहता मुँह जो सदा फुलाए
गाना जिस को जरा ना आए
ऐसे झगड़ालू को अब से
क्यों ना कहें हम झक्कू
नाम है उसका कुक्कु।
Hindi Poem's on Kid's
मन करता है
मन करता है सूरज बनकर
आसमान में दौड़ लगाऊं
मन करता है चंदा बनकर
सब तारों पर अकड़ दिखऊँ।
मन करता है बाबा बनकर
घर में सब पर धौंस जमाऊँ।
मन करता है पापा बनकर
मैं भी अपनी मूछ बढ़ऊँ।
मन करता है तितली बनकर
दूर-दूर उड़ता जाऊं।
मन करता है कोयल बनकर
मीठे मीठे बोल सुनाऊँ।
मन करता है चिड़िया बनकर
चीं-चीं, चूँ-चूँ शोर मचाऊं।
मन करता चरखी लेकर
पीली, लाल पतंग उड़ऊँ।
Hindi me Kavita हिन्दी में कविता
हमसे सब कहते
नहीँ सुर्य से कहता कोई
धूप यहां पर मत फैलाओ,
कोई नहीं चांद से कहता
उठा चांदनी को ले जाओ।
कोई नहीं हवा से कहता
खबरदार जो अंदर आई,
बादल से कहता कब कोई
क्यों जलधार यहां बरसाई?
फिर क्यों हमसे भैया कहते
यहां ना आओ, भाग जाओ,
अम्मा कहती है, घर घर में
खेल खिलौने मत फैलाओ।
पापा कहते बाहर खेलो,
खबरदार जो अंदर आए,
हम पर ही सबका बस चलता
जो चाहे वह डांट बताए।
हमसे सब कहते
नहीं सूर्य से कहता कोई
धूप यहाँ पर मत फैलाओ,
कोई नहीं चांद से कहता
उठा चांदनी को ले जाओ।
कोई नहीं हवा से कहता
खबरदार जो अंदर आई,
बादल से कहता अब कोई
क्यों जलधार यहां बरसाई?
फिर क्यूँ हमसे भैया कहते
यहाँ ना आओ, भागो जाओ,
अम्मा कहती हैं, घर घर में
खेल-खिलौने मत फैलाओ।
पापा कहते बाहर खेलो,
खबरदार जो अन्दर आये,
हम पर ही सबका बस चलता
जो चाहे वह डांट बताए।
सर्दी आई
सर्दी आई, सर्दी आई
ठंड की पहनने वर्दी आई।
सब ने लादे ढेर से कपड़े
चाहे दुबले, चाहे तगड़े
नाक सभी की लाल हो गई
सुकडी सब की चाल हो गई।
ठिठुर रहे हैं, कांप रहे हैं
दौड़ रहे हैं, हाँफ रहे हैं।
धूप में दौड़े तो भी सर्दी छांव में बैठे तो भी सर्दी।
बिस्तर के अंदर भी सर्दी
बिस्तर के बाहर भी सर्दी
बाहर सर्दी घर में सर्दी
पैर में सर्दी, सर में सर्दी।
इतनी सर्दी किसने कर दी
अंडे की जम जाए जर्दी।
सारे बदन में ठिठुरन भर दी
जाड़ा है मौसम बेदर्दी।
Funny Poem's in Hindi for Kid's
पतियों का चिड़ियाघर
पेड़ों के कपड़े हैं पत्ते
पेड़ उन्हीं को पहने रहते
पेड़ों के बस्ते में होते
खेल खिलौने सस्ते सस्ते।
पत्तों का भी है संसार
पत्तों के हैं कई प्रकार
हरे पत्ते का है आकार
केले बरगद और अनार।
पत्तों को छू कर तो देखो
उनसे हाथ मिलाओ तुम
हंसी खेल में बातचीत में
उनको मित्र बनाओ तुम।
अखबारों की तह के भीतर
उनको नींद सुनाओ तुम
अगर नींद से जाग उठे तो
गुनगुन गीत सुनाओ तुम।
इन सूखे पत्तों से खेलो
मिलकर इन्हें सजा हो तुम
ये सारे दिलचस्प नमूने
कागज पर चिपका हो तुम।
पीपल पेट पूछ डंडी की
पैर कनेर के, इमली की नाक
हरी घास की लंबी मूंछ
कहीं बबूल, कहीं पे ढाक
होते हैं बेजान न पत्ते
उनकी होती खास जुबान
कोई पता लगता चेहरा
कोई है चोटी की शान
पेड़ों के पत्तों से बच्चों
बनता सुंदर चिड़ियाघर
सैर करो तुम आज उसी की
जल्दी आओ करो सफर।
Short Poem's in Hindi for Kid's
नानी नानी के नाम
उधम करुँ पर रोक ना एक,
तनिक किसी की टोक ना एक,
झिलमिल करती बाग में घाम
सुबह सुनहरी चहके शाम।
गर्मी की ये सभी छुट्टियां
नाना नानी जी के नाम।
मामी मूर्ख बनाएं एक,
नानी कथा सुनाएं एक।
दिनभर गपशप और आराम,
मम्मी जी का बस यह काम।
गर्मी की ये सभी छुट्टियां
नाना नानी जी के नाम।
गर्म कचोरी सुबह को एक,
दूध जलेबी पहले एक।
थोड़े जामुन ज्यादा आम,
काले-काले पित ललाम।
गर्मी की यह सभी छुट्टियां
नाना नानी जी के नाम।
चिढ़ाते रहते मामा एक।
फुलस्टॉप ना कौमा एक।
मौसी करती प्यार तमाम,
इन सब को मैं करूं प्रणाम।
गर्मी की यह सभी छुट्टियां
नाना नानी जी के नाम।
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