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Blue Bugging {ब्लूबगिंग} क्या है? Blue Bugging से कैसे बचें?

Blue Bugging {ब्लूबगिंग} क्या है? What is Blue Bugging in Hindi, Bluetooth ON रखना पड़ सकता है महंगा


Blue Bugging: आज के समय में सभी मोबाइल फोन और स्मार्टफोन ब्लूटूथ के साथ ही आते हैं। लेकिन काफी बार देखा गया है, कि लोग अपने ब्लूटूथ डिवाइस को डिस्कवरी मोड में छोड़ देते हैं। इसका यह मतलब है कि कोई भी आपकी Bluetooth डिवाइस को सर्च कर सकता है। हैकर्स की नजर पहले से ही ऐसे फीचर पर रहती है, कि उनको कोई स्मार्टफोन डिस्कवरी मोड में मिले और वे उसे हैक सके। सिक्योरिटी और प्राइवेसी के लिहाज से यह काफी ज्यादा खतरनाक सिद्ध हो सकता है। अगर आपकी डिवाइस हैकर के कम से कम 10 मीटर के दायरे में मौजूद है, तो हैकर बड़ी आसानी से आपकी डिवाइस को हैक करके आपका डाटा चोरी कर सकता है।

ब्लूबगिंग Blue Bugging: हाल ही में दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में हैकिंग का एक मामला सामने आया है। हैकर अपना शिकार अब लैपटॉप, वायरलेस ईयर प्लग, स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों को बना रहे हैं। इसके अतिरिक्त लोगों की आपस में हुई बातचीत को भी रिकॉर्ड कर सकते हैं। परंतु क्या आप जानते हैं कि हैकर्स आपके वायरलेस ईयर प्लग को भी हैक कर सकते हैं, और हैक करके आपका डाटा एक्सेस कर सकते हैं।

जब हैकर्स आपकी डिवाइस के साथ पेयरिंग कर लेते हैं, तो वह उसमें मेलवेयर इंस्टॉल कर देता है। जिसकी वजह से आपकी डिवाइस की सिक्योरिटी डिसएबल हो जाती है। इसी प्रोसेस को ही ब्लूबगिंग (Blue Bugging) कहा जाता है। 

आइए आपको बताते हैं कि ब्लूबगिंग क्या है और हैकर कैसे आपके डाटा को हैक कर सकता है।

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ब्लूबगिंग kya hai in Hindi? What is Blue Bugging in Hindi

हैकिंग का एक प्रोसेस ब्लूबगिंग है। इस प्रोसेस के माध्यम से हैकर किसी भी ऑन ब्लूटूथ डिवाइस (Bluetooth Device's) सर्च करके ब्लूटूथ कनेक्शन के माध्यम से आपके डाटा का एक्सेस हासिल करते हैं। जब एक बार हैकर यूजर के डिवाइस को हैक कर लेता है, तो वह आपके मोबाइल फोन में होने वाली किसी तरह की बातचीत को सुन सकता है, और आपके सारे मैसेज भी पढ़ सकता है, और इनको कहीं भी भेज सकता है। इसके माध्यम से यूजर के लैपटॉप या फोन को हैक करने के लिए ब्लू बगिंग (Blue Bugging) का तरीका ब्लूटूथ इस्तेमाल करके किया जाता है।

ब्लूबगिंग के माध्यम से हैकर ना केवल सिर्फ ब्लूटूथ डिवाइस को ही हाईजैक कर लेते हैं, बल्कि आपकी डिवाइस में मौजूद सारा डाटा भी देख सकते हैं। ब्लूबगिंग के माध्यम से, ब्लू-बग किए हुए फोन पर आने वाले और OTP को भी आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।

Bluetooth Device को हैक कैसे किया जाता है? How is the Bluetooth Device hacked in Hindi?

अगर यूजर की ब्लूटूथ डिवाइस डिस्कवरेबल (Discoverable) है, और वह हैकर के 10 मीटर के दायरे में मौजूद है, तो ब्लूबगिंग के माध्यम से हैकर्स को यूजर को डिवाइस को हैक कर पाना काफी आसान हो जाता है। यूजर की डिवाइस से पेयर (Pair) हो जाने के बाद हैकर की यही कोशिश रहती है, कि वह आपकी डिवाइस में मेलवेयर इंस्टॉल करके आपके डिवाइस के सिक्योरिटी फीचर को डिसएबल कर दें। जिसके बाद हैकर को डाटा एक्सेस करने में आसानी हो जाती है। यह बात ध्यान देने वाली है कि अगर यूजर 10 मीटर की दूरी से बाहर है, तो हैकर डिवाइस को हैक नहीं कर पाता। लेकिन अगर 10 मीटर के दायरे के अंदर है तो हैकर बड़ी आसानी से कनेक्ट कर सकता है, और आपका डाटा चोरी कर सकता है। हैकर कनेक्टिविटी कोड को क्रैक कर लेते हैं। जिसके कनेक्ट हो जाने के बाद बैंकिंग (Banking apps) एप्स को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं, और पैसे का लेनदेन भी कर सकते हैं।

क्या आपका Bluetooth सेफ है या नहीं, Blue Bugging से कैसे बचें?

✅ अगर आपका ब्लूटूथ हैक हो चुका होगा तो, आपको लगातार आपकी डिवाइस पर बेकार के अलर्ट आते रहेंगे।

✅ आपके मोबाइल या लैपटॉप की बैटरी बहुत जल्दी डिस्चार्ज होने लगेगी।

✅ आपकी डिवाइस पर अजीबो-गरीब तरह के pop-up आने लगेंगे।

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Blue Bugging से कैसे बचा जा सकता है?

👉 यदि आप अपना ब्लूटूथ डिवाइस योजना कर रहे हो तो ब्लूटूथ बंद करके ही रखें।

👉 पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल करने से बचें।

👉 अपने नाम से अपनी ब्लूटूथ डिवाइस को ना रखें।

👉 हमेशा अपनी डिवाइस को लेटेस्ट सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी पैच के साथ अपडेट करके रखें।

👉 पब्लिक प्लेस पर कभी भी अपनी ब्लूटूथ डिवाइस को किसी अजनबी ब्लूटूथ पेयरिंग डिमांड को एक्सेप्ट ना करें।

👉 अगर जब कभी आप पब्लिक वाईफाई को यूज करें तो अपनी डिवाइस को रिसेट या रिबूट जरूर करें।

👉 अपनी डिवाइस पर कोई ना कोई एंटीवायरस एप्लीकेशन जरूर यूज़ करें, और साथ में अपनी डिवाइस को मेलवेयर और वायरस के लिए स्कैन जरूर करें।

👉 अपनी ब्लूटूथ सेटिंग में जाकर अपनी डिवाइस से किसी भी अन्य डिवाइस की विजिबिलिटी बंद कर दें।

👉 अपने ब्लूटूथ डिवाइस पर नजर रखें और सेव किए हुए हटा दें। अगर वह यूज में नहीं है तो उनको हटा दें।

👉 सेंसेटिव डाटा को ब्लूटूथ के माध्यम से ट्रांसफर या शेयर ना करें।

👉 समय-समय पर अपनी डिवाइस के ऊपर सिस्टम सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहें।

👉 हाई क्वालिटी वीपीएन सर्विस (High Quality VPN Service) ब्लूबगिंग से बचने के लिए एक बेहतरीन तरीका है।

Bluesnarfing (ब्लूस्नफिंग) क्या है? What is Bluesnarfing in Hindi 

ब्लू बगिंग से ज्यादा खतरनाक हमला ब्लूस्नफिंग (Bluesnarfing) से होता है। ब्लूस्नफिंग हमले में मोबाइल फोन से कंटेंट हासिल किया जाता है। इस प्रकार के अटैक में डिवाइस में से जरूरी पासवर्ड, कंटेंट, डाटा, फोटो, कॉल रिकॉर्डिंग जैसे डाटा को चुराने के लिए ब्लूटूथ कनेक्शन में हेरफेर किया जाता है। लेकिन इस तरह के अटैक की सबसे खास बात यह है, कि इन सब चीजों का पता डिवाइस के मालिक को बिल्कुल भी नहीं होता। बल्कि ब्लू बगिंग में इसका तुरंत पता चल जाता है, कि आपके फोन को कोई हैक करने की कोशिश कर रहा है।

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यदि आपके मोबाइल फोन में कोई भी ब्लूटूथ की एक्टिविटी होते हुए दिखे, तो जिसे आपने परमिशन नहीं दी है, या फिर वह काम अपने आप हो रहा हो तो, यह ब्लूस्नफिंग (Bluesnarfing) का संकेत होता है। हैकर इसमें किसी भी प्रकार का निशान छोड़े बिना 300 फीट की दूरी से आपकी डिवाइस को एक्सेस कर सकता है, और आपके स्मार्टफोन में आपकी कोई भी जानकारी जैसे कि कांटेक्ट डिटेल, फोटो, ईमेल, पासवर्ड इत्यादि जैसी पर्सनल डिटेल को चुरा सकता है।

निष्कर्ष Conclusion

आज आपने हमारे इस लेख में जाना Blue Bugging {ब्लूबगिंग} क्या है? (Blue Bugging in Hindiमुझे पूरी उम्मीद है कि आपको जानकारी स्पष्ट हुई होगी। अगर फिर भी आपके कोई सवाल हो, तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं, और यदि आपको हमारा लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट या अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें।

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