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मानवीय शरीर की बनावट कैसे होती है?

Structure of Human Body:



मानव शरीर की बनावट बड़ी विचित्र है।इसके निरमाण में किसी तरह की कोई कमी नहीं है। इसकी रचना सर्व प्रकार से पुर्ण है, एसे यंत्र इसमें है कि शरीर खुद को स्वस्थ रख सकता है। किसी प्रकार की बाहरी सहायता दवाई आदी को आवश्यकता नहीं पड़ती,केवल प्रकृती के बनाये कुछ नियमों को समझने और उन पर चलने की आवश्यकता होती है। शेष कार्य शरीर स्वयं ही कर लेता है। शरीर की रचना एक बड़े राज्य के समान होती है,जैसे राज्य के शासन के काम कई विभागों के जिमे होते हैं,और विभाग अपने कार्य के लिए उतरदायी होते हैं। कई अंगों से मिलकर एक विभाग बनता है। शरीर के विभाग को संस्थान कहते हैं ।
संसथान के सब अंग एक दूसरे में सहकारिता होती है। संस्थान भी एक दूसरे के सहकारी होते हैं,यदि सह व्यापर बिगड़ जाये तो शरीर का काम सुचारु रूप से नहीं चल सकत। अत: शरीर के सभी संस्थानो का संतुलन बनाये रखना आवश्यक है। 

मानवीय शरीर के मुख्य विभाग:

1 सिर
2 गर्दन
3 धड़ 
4 हाथ-पांव


शरीर के अंग:

शरीर अंगों का समूह है,कई अंग मिलकर शरीर क्रियाओं का नियन्त्रण करते हैं। ये अंग मिलकर संस्थान बनाते हैं,जो पाचन, श्वसन,प्रजनन,उत्सर्जन क्रियाओं को सम्पन करते हैं। शरीर कई अंगों से मिलकर बना है। इस तरह किसी भी एक संस्थान का सुचारु ना होना अन्य क्रियाओं को भी प्रभावित करता है।
1 फेफड़े 
2 टीली व पेनक्रियाज
3 अमाशय
4 बड़ी आँत 
5 छोटी आँत 
6 किडनी
7 मूत्राषय
8 हृदय 
9 गुर्दे व किडनी
10 लीवर
11 पितशय


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