कैसे रहें हरदम तरोताजा- How to Stay Fresh all the Time
कितनी बार ऐसा होता है कि कोई हमारे करीब से गुजरता है और उससे आती पसीने की बदबू से हम परेशान हो जाते हैं। खुद अपने आप से कह उठते हैं कि थैंक गॉड! मुझसे नहीं आती ऐसी बदबू। पर क्या आप से वाकई बदबू नहीं आ रही है।
आजकल कैपरी और शॉर्ट पहनने के दिन भले ही हैं पर खुले अंग महकने भी तो चाहिए। सबसे पहले हम बात करेंगे मुंह की। आजकल ओरल हाइजीन के लिए टूथ ब्रश, पेस्ट, फ्लॉसींग और भी बहुत से प्रोडक्ट्स है, पर इन्हें इस्तेमाल करना क्यों जरूरी है यह भी जरूर जान लें।
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मुंह बंद ही रखें- Keep Your Mouth Shut
इससे पहले कि आपके बोलते ही लोग नाक बंद करने लगे, बेहतर होगा कि साँसों से आती बदबू का इलाज करा ले। मुँह से आने वाली बदबू को हेलिटोसिस कहते हैं। यह कई कारणों से हो सकती है जैसे मुंह की सफाई का ध्यान रखा जाना, तनाव, खाने पीने की आदतें, गलत समय पर लहसुन या प्याज खाना। लहसुन व प्याज में तीखे नेचुरल ऑयल होते हैं, जिससे मुंह से दुर्गंध आती है। कई बार मसूड़ों में सड़न या मधुमेह के कारण भी मुंह से बदबू आ सकती है। अगर बहुत समय तक खाली पेट रहा जाए तो भी मुंह से दुर्गंध आने लगती है। इसलिए कुछ समय में छोटे-छोटे स्नेक्स लेते रहें। आजकल हर्बल माऊथवॉश आते हैं, दिन में कम से कम 2 बार इसे ट्राई कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले ब्रश भी करना ना भूलें।
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तन की दुर्गंध- Body Odor
शरीर से आती दमघोन्टू बदबू को ब्रोमिड्रॉसिस कहते हैं। लेकिन सबसे पहले शरीर से आती बदबू से जुड़े मिथ को मन से निकालना होगा, कि जिन लोगों को बेहद पसीना आता है, उनके शरीर से ज्यादा बदबू आती है। ऐसा नहीं है पसीने की अपनी कोई बदबू नहीं होती। लेकिन ज्यादा समय तक शरीर पर पसीना रहे तो त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया उसमें मिलकर दुर्गंध पैदा करता है। यह बगल और गुप्तांगों पर ज्यादा असर करता है क्योंकि इन हिस्सों से पसीना इतनी जल्दी नहीं उड़ता है और इन हिस्सों पर मौजूद ग्रंथियों में प्रोटीन और फैट होते हैं, जो बदबू उत्पन्न करते हैं। शरीर के अन्य अंगों पर आने वाला पसीना बिना बदबू वाला नमक का पानी होता है। आप क्या खा रहे हैं इसके कारण भी शरीर से दुर्गंध आती है। जैसे लहसुन, प्याज व मसालों में कुछ ऐसे रसायन होते हैं जो त्वचा से स्त्रावित होते हैं, जिससे शरीर से बदबू आती है।
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तन की गन्ध दूर करने के लिए क्या करें- What to do to Get Rid of Body Odor?
मौसम चाहे कैसा भी क्यों ना हो, रोज नहाने की आदत डालें। बगलों में रोल ऑन लगाएं। एंटी परस्पिरेंट इस्तेमाल करें। इसे लगाने से पसीना नहीं आएगा। डिओडरेंट का इस्तेमाल करें, जिससे बैक्टीरिया मर जाएंगे। इन्हें लगाने से पसीना नहीं आएगा। इन्हें जगाने से पहले अपनी त्वचा पर टेस्ट करके देख ले कि यह आपकी त्वचा पर सूट करते भी हैं, या नहीं। वैसे एक छोटी स्प्रे बोतल में नींबू का रस और एक छोटी बोतल में पानी मिले नीम का रस रखें। सुबह नहाने के बाद बगल में नींबू का स्प्रे करें और 15 मिनट के बाद धो ले। कुछ ही समय में बगल की बदबू में सुधार आयेगा। इसके अलावा धुले हुए और पूरी तरह सूखे व साफ कपड़े ही पहने, क्योंकि हल्के गीले कपड़ों में बैक्टीरिया पैदा होते हैं। जिससे शरीर में बदबू की परेशानी हो सकती है। जरूरी है कि कपड़ों को टांग कर सुखाए जाए। अगर मशीन में धो रहे हैं, तो पूरी तरह टंबल ड्राई किया जाए कई बार जल्दी में लोग अंडर गारमेंट्स भी हल्के गीले पहन लेते हैं। ऐसा ना करें इससे बहुत बदबू आती है।
पैरों से आने वाली बदबू- Foot Odor
बड़े लोगों के पैरों से बेइंतहा बदबू आती है। ऐसा नहीं है कि वह इस बात से अनजान होते हैं, उन्हें इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए?
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यह बात मालूम नहीं होती पैरों में 2 मिलियन स्वेद ग्रंथियां होती है। जरा सोचिए यह सब मिलकर जब घंटों बंद पैरों में पसीना उत्पन्न करेंगे तो क्या हाल होगा। बंद पैरों में पसीना आने पर बैक्टीरिया वहां बहुत आसानी से पनपता है। इस बैक्टीरिया को ब्रेवी बैक्टीरिया कहते हैं। ऐसे में पैरों से आती बदबू से जी मिचला जाता है। पर पैरों की साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें तो इस परेशानी से दूर रह सकते हैं।
पैरों से आती बदबू के लिए क्या करें- What to do for Smelly Feet?
पैरों से बदबू आ रही है, इस बात का खुद ही पता चल जाता है। अपने पैरों को हमेशा साफ रखें। हर रोज धुल्हे हुए मोजे (जुराब) पहने गर्मियों में पैरों की उंगलियों के बीच पाउडर छिड़क कर मोजे पहने पैरों में एंटीपरस्पिरेंट लगाने में कोई हर्ज नहीं है। जूते-मोजे उतारने के बाद पाँवों को धो लें। नायलॉन के मोजे पहनने के बजाय सूती मोजे पहने जूतों को हमेशा खुली जगह पर रखें। जिससे उसमें हवा लगती रहे, जूते पहनने से पहले उनमें एंटीफंगल स्प्रे भी किया जा सकता है। कई बार फंगल इंफेक्शन होने से भी पैरों से बदबू आने के साथ-साथ खुजली भी हो जाती है, और पैरों में रूखापन भी आता है। गर्मियों में वैसे सैंडल ही पहने जिससे पैरों पर हवा लगती रहे, और पसीने की परेशानी से बचे रहेंगे। इंफेक्शन होने से बेहतर है, कि डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें।
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सूती कपड़े पहनने से शरीर से अतिगंध की परेशानी 50% कंट्रोल हो जाती है। आप खट्टे फल की महक वाले स्प्रे भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
इतिहास क्या कहता है- What does history say?
मध्यकालीन समय में यूरोप में लोगों को स्नान करने से मना किया जाता था, क्योंकि उस समय एक ही स्थान पर सब को नहाना होता था। जिसका मतलब होता था, ना केवल गंदगी, बल्कि सबके सामने बिना कपड़ों के नहाना। ऐसे में लोगों को शरीर पर मैल और तेल की परत बनाए रखने को कहा जाता था। जिससे कीटाणुओं से बचाव हो सके। कई यूरोपियन लोग साल में सिर्फ एक या दो बार ही नहाते थे।
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सालों पहले शरीर से आती दुर्गंध का यह मतलब लगाया जाता था, कि या तो आप सामने वाले की बेजती कर रहे हैं, या आप ही अन्य जाति के लोगों के साथ मिलजुल कर रहना ही नहीं चाहते। उनके लिए कोई हर्बल उपचार करना जरूरी हो जाता था।
17वीं शताब्दी में जब जापानी लोग यूरोपियन लोगों से पहली बार मिले तो उनके शरीर से आती दुर्गंध को वह झेल नहीं पाए, और उस बदबू को खट्टे मक्खन के साथ जोड़ने लगे।
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