Ticker

6/recent/ticker-posts

धर्मशाला की 10 खुबसूरत जगहें- Top 10 Tourist Place to Visit in Dharmshala

धर्मशाला की 10 खुबसूरत जगहें- Top 10 Tourist Place to Visit in Dharmshala 

हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित धर्मशाला कांगड़ा जिला का दर्शनीय और पर्यटन स्थल है। दुनिया भर में प्रसिद्ध धर्मशाला दलाई लामा का निवास स्थान के रूप में माना जाता है। कांगड़ा से धर्मशाला की दूरी केवल 8 किलोमीटर है। यह शहर डिवीजन में बटा हुआ है जैसे कि निचले डिवीजन में धर्मशाला शहर आता है और ऊपरी डिवीजन में मैकलोड़ गंज शहर के नाम से जाना जाता है। धर्मशाला नाम हिंदी शब्द धर्म और शाला से लिया गया है। धर्मशाला को तीर्थ यात्रियों के लिए आश्रय या विश्राम करने के लिए माना जाता है।

और भी पढ़े➡️ मनाली यात्रा के लिए पर्यटन स्थल और उनके बारे में जानकारी

एक धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ धर्मशाला भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल भी है। अगर आप भी धर्मशाला घूमने की सोच रहे हैं तो हमारे इस लेख में आप धर्मशाला के खास पर्यटन स्थलों के बारे में जान सकते हैं। हमने इस लेख में धर्मशाला के पर्यटन स्थलों की सही जानकारी दी है।

धर्मशाला का इतिहास (हिस्ट्री)- History of Dharmshala in Hindi

ब्रिटिश राज के आगमन से पहले कांगड़ा क्षेत्र में धर्मशाला और इसके आसपास की जगह पर दो शह्स्त्राब्दीयों तक कटोच वंश का राज हुआ करता था। सीख वंश के महाराजा रणजीत सिंह और कटोच वंश के राजा संसार सिंह के बीच हुई ज्वालामुखी की सन्धि के बाद कटोच वंश केवल कांगड़ा के क्षेत्र में स्थानीय जागीरदार के रूप में ही रह गए। धौलाधार पर्वत की ढलान पर एक फौजी छावनी के लिए कांगड़ा जिला के अंदर एक स्थान चुना गया था, जो एक हिंदू धर्मशाला थी। कांग्रेस के पास सैनिकों की छावनी के लिए धर्मशाला का नंबर अस्तित्व में आया कांगड़ा जिले का मुख्यालय धर्मशाला को घोषित किया गया था।

अंग्रेजों के लिए धर्मशाला एक लोकप्रिय स्टेशन पहले यह जगह अंग्रेजों के लिए ग्रीष्म काल की राजधानी हुआ करती थी। परंतु साल 1905 में हुए भूकंप के वजह से लगभग 20000 लोग मारे गए थे। ऐसी स्थिति में शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया। गोरखाओं ने भूकंप के बाद धर्मशाला शहर में हुए नुकसान और पुनर्निर्माण में काफी ज्यादा योगदान दिया।

और भी पढ़ें➡️ हिमाचल के 10 मनमोहक पर्यटन स्थल

धर्मशाला में घूमने योग्य पर्यटन स्थल- Tourist Place To Visit in Dharmshala 

हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत पर्यटन स्थल धर्मशाला में घूमने के लिए बहुत सी खुबसूरत जगह है। जहां आप लोग अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ घूमने जा सकते हैं। आज हम आपको अपने इस लेख में धर्मशाला के सबसे खूबसूरत और रोमांचकारी पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं।

1. धर्मशाला युद्ध स्मारक-  Dharmshala War Memorial in Hindi 

धर्मशाला में वार मेमोरियल (युद्ध स्मारक) बहुत ही खूबसूरत और देखने योग्य जगहों में से एक है। देवदार के जंगलों में स्थित यह स्मारक शहर के पास है। यात्रा करने के लिए यह जगह काफी मजेदार है। उसके नजदीक जीपीजी कॉलेज एक बहुत ही आधुनिक तरीके से निर्माण करवाया गया है। जो कि अंग्रेजों ने अपने ही काल में बनवाया हुआ था। धर्मशाला के प्रवेश बिंदु पर यह स्मारक उन लोगों की याददाश्त में बनाया हुआ है, जिन्होंने हमारी मातृभूमि के लिए लड़ाई लड़ी थी।

2. क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला- Dharmshala Cricket Stadium In Hindi 

हिमाचल पर्वत की गोद में बसा हुआ धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम समुद्र तल से 1457 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। धर्मशाला का यह क्रिकेट मैदान दुनिया भर में सबसे ऊंचे क्रिकेट स्टेडियम में से एक है। धर्मशाला मैदान का दौरा करते वक्त आपको शायद कुछ अलग या अजीब महसूस हो, लेकिन प्राकृतिक सौंदर्य से चारों और भरा यह मैदान लगातार ठंडी हवाओं में गिरा रहता है। जो इस क्रिकेट स्टेडियम की यात्रा को बहुत ही खास बना देता है।

और भी पढ़ें➡️ शिकारी माता मंदिर की कथा और विशेषता

धर्मशाला के इस क्रेडिट क्रिकेट स्टेडियम वनडे मैच भारत और इंग्लैंड के बीच 26 जनवरी 2013 को खेला गया था, और 20-20 का प्रथम मुकाबला भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 2 अक्टूबर 2014 को खेला गया था।

3. इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल धर्मशाला- International Film Festival Dharmshala in Hindi 

अगर आप कला और मुक्त सिनेमा या समकालीन सिनेमा के शौकीन हैं, तो आप इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल धर्मशाला जो हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज में हर वर्ष आयोजित किया जाता है। आपको इस अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का हिस्सा जरूर बनना चाहिए। इस अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की स्थापना फिल्म निर्माता तेनंजींग सोनम और रितु सरीन ने साल 2012 में पहाड़ी क्षेत्रों में फिल्माई गई सिनेमाई कला और मीडिया को बढ़ावा देने के मकसद से की थी।

इस फिल्म महोत्सव में साल 2016 के बाद कॉलेजों, स्कूल, गाँवों और जिला क्षेत्रों में सामुदायिक स्क्रीनिंग का आयोजन करने का फैसला किया। जिससे छात्रों का सक्रिय सिनेमा की और ध्यान केंद्रित किया जा सके। सामान्य तौर पर 26 समकालीन वृत चित्रों, कथाओं और लघु एनिमेशन और प्रायोगिक फिल्मों को धर्मशाला के इंटरनेशनल फेस्टिवल में नवंबर के शुरुआती 3 दिनों में प्रदर्शित करने का आयोजन किया जाता है।

4. खूबसूरत डल झील धर्मशाला- Beautiful Dal Lake Dharmshala in Hindi 

अक्सर हम लोग अपनी वेकेशन में ऐसी जगह जाना ज्यादा पसंद करते हैं, जहां हम लोग प्राकृतिक चीजों का आनंद ले सकें, और ज्यादा से ज्यादा एक ही स्थान पर सभी चीजें उपलब्ध हो। यदि आप भी इन्हीं में से एक हैं, तो फिर आपको हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित डल झील एक बार जरूर घूमना चाहिए। यह झील चारों तरफ से देवदार के घने जंगलों से गिरी हुई है, जो लगभग 1775 मीटर लंबी है। खुले आसमान में आप लोग यहां पर जंगल और पहाड़ों में ट्रेकिंग का आनंद भी ले सकते हैं। द

झील के शांतिपूर्ण वातावरण में झील में मौजूद मछलियों को देखना और भी रोमांचित कर देगा, और अगर इसके साथ-साथ आप वोटिंग के शौकीन हैं, तो आप वोटिंग का आनंद भी यहां ले सकते हैं। अगर आप चाहो तो यहां पर आप मछलियां भी पकड़ सकते हो, लेकिन इसके लिए आपको अथॉरिटी से अनुमति लेनी पड़ेगी। इसके साथ-साथ यहां पर मौजूद भगवान शिव का अलौकिक मंदिर भी है। सर्दियों के मौसम में जब यहां पर बर्फ पड़ती है, तो इस जगह का दृश्य अनोखा ही हो जाता है। मानो ऐसा लगता हो किसी ने पहाड़ियों पर सफेद रंग की चादर बिछा दी हो।

5. मां ज्वालामुखी मंदिर धर्मशाला- Maa Jwalamukhi Temple Dharmshala in Hindi 

ज्वालामुखी माता के इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर काफी बुरी आत्माएं आती रहती थी और देवताओं को काफी परेशान करती थी, तो भगवान शंकर की आज्ञा अनुसार देवताओं ने बुरी आत्माओं को नष्ट करने का फैसला किया।  कांगड़ा जिले का सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर है। जिसे ज्वाला जी के नाम से भी जाना जाता है।

ज्वालामुखी मंदिर हिमालय की तलहटी में स्थित कांगड़ा जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल और पर्यटन स्थल है। मां ज्वालामुखी मंदिर की दूरी धर्मशाला से केवल 52 किलोमीटर है। ऐसा कहा जाता है कि मां सती की  जीभ इस जगह पर गिरी थी, और जब मां सती की जीभ इस स्थान पर गिरी तो उस समय यहां पर एक अग्नि प्रज्वलित हुई, जो आज तक निरंतर चल रही है।

मां ज्वालामुखी के इस मंदिर में किसी भी मूर्ति की पूजा नहीं की जाती, बल्कि यहां पर जमीन से उत्पन्न होने वाली नौ अलग-अलग ज्वालाओं की पूजा होती है। माता के मंदिर में चलने वाली दवा लाए सदियों से प्राकृतिक रूप से जल रही है। इन ज्वलाओं को जलाने के लिए किसी इंधन का उपयोग नहीं किया जाता। नवरात्रों के वक्त ज्वाला मां के इस भव्य मंदिर में वार्षिक मेले आयोजित किए जाते हैं। जिसमें भाग लेने के लिए देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु ज्वाला मां के मंदिर में आते हैं। ज्वाला मां के इस मंदिर का उल्लेख महाभारत और अन्य कई पुराने ग्रंथों में भी किया गया है।

6. धर्मशाला चिन्मय तपोवन- Dharmshala Chinmay Tapovan

चिन्मय तपोवन कांगड़ा की तलहटी में स्थित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक आश्रम है। यह आश्रम आध्यात्मिक आश्रम होने के साथ-साथ एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है, जो धर्मशाला से केवल 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्वामी चिन्मयानंद में उस आश्रम की स्थापना 1977 में सिद्ध बाड़ी नामक जगह पर की थी। प्राचीन धर्म ग्रंथों के मुताबिक इस स्थान पर बहुत सारे महान साधु महात्माओं ने कड़ी तपस्या की थी। इस वजह से धार्मिक दृष्टि से यह स्थान बहुत पवित्र माना जाता है। तपोवन के चारों और काफी सुंदर और अविस्मरणीय दृश्य देखने को मिलते हैं। हर आयु के लोग हर साल यहां पर आध्यात्मिक शिविर में भाग लेने के लिए आते हैं। चीन्म्य तपोवन में विशाल पेड़ पौधे और बहुत सारे सुगंधित फूल लगाए गए हैं। इस स्थान पर शिवलिंग भी बनाया गया है, जो इस तपोवन के आकर्षण का एक बहुत ही प्रमुख केंद्र माना गया है।

और भी पढ़ें➡️ Best tourism place in mandi,  Devidahad Himachal Pradesh 

7. नोरबूलिंगका संस्थान धर्मशाला- Institute  of Norbulingka in Dharmshala 

नोरबूलिंगका संस्थान हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित किम येशी और केलसॉन्ग ने 1995 में स्थापना की थी। यहां पर इस संस्थान के निर्माण की और उद्देश्य तिब्बत के साहित्य और कलात्म्क रूप को संरक्षित करना था। नोरबूलिंगका संस्थान धर्मशाला से केवल 7 किलोमीटर की दूरी पर सिद्धपुर में स्थित है, जो एक लोकप्रिय शिक्षा केंद्र है। नोरबूलिंगका संस्थान के अंदर काफी बाग बगीचे बने हुए हैं। छोटे-छोटे झरने, आसपास में बहने वाली नदियां और धौलाधार पर्वत श्रृंखला के अद्भुत दृश्य इस संस्थान को और भी मनमोहक बना देते हैं। तिब्बत की संस्कृति से जुड़े हुए विभिन्न चित्र, मूर्तियों का संरक्षण करना इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य है। इसके साथ साथ ही तिब्बत से आए हुए काफी लोगों को यहां पर रोजगार भी प्राप्त होता है।

8. त्रियुंड दर्शनीय स्थल धर्मशाला- Triyund Scenic Spot Dharmshala 

मैकलोडगंज से केवल 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित त्रियुंड एक बहुत ही शानदार और मनमोहक पर्यटक स्थल है। यह स्थान काफी ऊंचाई पर स्थित है। पिकनिक मनाने के लिए एक बहुत ही शानदार जगह है। यहां से आपको मून पिक इन तेरा पास के खूबसूरत नजारे देखने को भी मिलेंगे। अगर आप धर्मशाला घूमने की इच्छा रखते हो तो, इस स्थान का प्राकृतिक सौंदर्य और स्वच्छता आपका दिल जीत लेगा। इसलिए जीवन घूमने का प्लान जरूर बनाएं।

और भी पढ़ें➡️ हिमाचल प्रदेश के मण्डी जिले के पर्यटन स्थलों की पूरी जानकारी 

9. कांगड़ा का किला- Fort of Kangra 

कांगड़ा फोर्ट शहर के बाहरी इलाकों में बना हुआ एक खूबसूरत किला है, जो धर्मशाला से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह किला भारत के सबसे पुराने किलो में से एक है। कटोच वंश के शासकों द्वारा इस किले का निर्माण करवाया गया था। कांगड़ा के इस किले पर विजय पाने के लिए आक्रमणकारियों ने बहुत बार आक्रमण किए। कांगड़ा क्षेत्र पर सबसे पहला आक्रमण महमूद गजनी ने 1009 ईस्वी में किया था। समुद्र तल से इसके लिए की ऊंचाई लगभग 350 फुट की है, जो 4 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। किले के अंदर जाने के लिए एक छोटा सा बरामदा बनवाया गया है, जो दो दरवाजों के बीच में है। धौलाधार पर्वत श्रृंखला की सुंदर पहाड़ियों का नजारा देखने को मिलता है, जो इस किले की सुंदरता को और भी सुंदर बना देता है। आज भी इस किले में फांसी घर बारूद खाना सूखा तालाब मस्जिद कपूर तलाव शिव मंदिर बरादरी और कई कुंएं मौजूद है।

और भी पढ़ें➡️ शिमला में घुमने योग्य पर्यटन स्थल 

10. धर्मशाला कैंपिंग- Camping in Dharmshala

रात को चांदनी रात में ढेर सारे तारों की रोशनी तले कैंप फायर जलाकर रात बिताने एक अलग ही अनुभव है। अगर आप भी ऐसा शानदार और लाजवाब अनुभव चाहते हो, तो धौलाधार की पर्वत श्रृंखला में स्तिथ धर्मशाला आपको जरूर जाना चाहिए। कैंप फायर धर्मशाला के पहाड़ों में की जाने वाली एक बहुत ही रोमांचकारी और प्रसिद्ध गतिविधि है।

अधिकतर शहरों के पर्यटक वीकेंड के वक्त धर्मशाला और इसके आसपास की जगहों पर कैंपिंग करने के लिए आते रहते हैं। चंडीगढ़ दिल्ली और धर्मशाला की एडवेंचर गतिविधि का आयोजन करने वाले बहुत से संस्थान वक्त-वक्त पर धर्मशाला में कैंपिंग के टूर प्लान तैयार करती रहती है। धर्मशाला की कई निजी संस्थाएं पर्यटकों के लिए कैंपिंग साइट्स पर कैंप फायर, आवास, खेल और भोजन तथा अन्य एक्टिविटीज उपलब्ध करती है। ट्रैकिंग करते वक्त अगर आप अपना टेंट साथ में लेकर चलें, तो यह बात आपके लिए और भी अच्छी साबित हो सकती है।

धर्मशाला घूमने का सही समय- Best Time to Visit in Dharmshala 

धर्मशाला घूमने के लिए ऐसे तो आप कभी भी जा सकते हो, लेकिन धर्मशाला यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय शुरुआती गर्मियां और बसंत सबसे अच्छा मौसम है। सर्दियों के समय यहां पर बर्फबारी होती है, जो इस घाटी को बहुत ही मनमोहक और सुंदर बना देती है। अगर आप कभी धर्मशाला घूमना चाहते हैं, तो आपको मानसून के मौसम में यहां घूमने से बचना चाहिए। क्योंकि मानसून की वजह से आपकी यात्रा में बाधा आ सकती है। इसके साथ-साथ उत्तराखंड और हिमाचल के अन्य हिस्सों के उपेक्षा धर्मशाला में ज्यादा वर्षा नहीं होती।

धर्मशाला के प्रमुख व्यंजन- Main dishes of Dharamshala

हम सभी खाने के शौकीन होते हैं। लेकिन शौक के साथ-साथ अगर आपको किसी नई जगह के फेमस व्यंजनों को टेस्ट करने का मौका मिले, तो ऐसा मौका नहीं गंवाना चाहिए। अगर कभी आप धर्मशाला आए तो, आपको यहां की धाम, तिब्बतियन टी, बबरु, तुड़किया भात, अनारदाना चिकन, मोमोज जैसे व्यंजन जरूर ट्राई करने चाहिए। ऐसे तो यहां पर आपको साउथ इंडियन व्यंजन भी मिल जाएंगे, लेकिन कोई भी व्यंजन ऑर्डर करने से पहले आप इस बात को जरूर जान लें, कि आपको शाकाहारी चाहिए या मांसाहारी, जिसे आप व्यंजनों का लुत्फ उठा सकें।

कैसे पहुंचे धर्मशाला- How to Reach Dharmshala 

धर्मशाला हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा घाटी के ऊपरी इलाकों में स्थित मनमोहक और रोमांचकारी पर्यटन स्थलों में से एक है। आप धर्मशाला रेल मार्ग, हवाई मार्ग और सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं।

हवाई मार्ग- By Air 

अगर आप धर्मशाला हवाई मार्ग से यात्रा करना चाहते हैं, तो धर्मशाला का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा गगल में स्थित है, जो धर्मशाला से केवल 13 किलोमीटर दूरी पर है। धर्मशाला को स्पाइसजेट और एयर इंडिया की मदद से यह हवाई अड्डा दिल्ली से जोड़ता है। भारत के किसी भी हिस्से से आ रहे हैं, तो हवाई मार्ग से यात्रा करना चंडीगढ़ तक और उससे आगे धर्मशाला के लिए आप कैब बुक करवा सकते हैं, जो केवल 275 किलोमीटर है।

रेल मार्ग- By Train 

रात्रि के समय ट्रेन की यात्रा करना धर्मशाला पहुंचने के लिए एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। धर्मशाला का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है, जो धर्मशाला से केवल 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जम्मू कश्मीर जाने वाली बहुत सारी ट्रेनें पठानकोट से होकर गुजरती है। पठानकोट से आप टैक्सी या बस लेकर धर्मशाला आसानी से पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग- By Road 

अगर आप हवाई यात्रा और रेलवे मार्ग से धर्मशाला पहुंच रहे हैं, तो आपको पठानकोट रेलवे स्टेशन और गगल हवाई अड्डे  से टैक्सी उपलब्ध हो जाएगी। पठानकोट रेलवे स्टेशन से धर्मशाला पहुंचने तक का समय लगभग 3 घंटे के आसपास का है। बहुत सी लग्जरी बस से शिमला और दिल्ली से धर्मशाला तक जाती है, जिसमें आपका यात्रा काफी आरामदायक हो सकती है।

जिसके साथ साथ बसों के द्वारा भी धर्मशाला पहुंचना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। निजी बसों की सहायता से भी आप धर्मशाला आसानी से पहुंच सकते हैं, क्योंकि दिल्ली और उत्तर भारत के बड़े शहरों से धर्मशाला बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। अगर आपको दिल्ली से बाय बस धर्मशाला आना है, तो लगभग 520 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी।


Post a Comment

0 Comments