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खर्राटे क्यों आते हैं? खर्राटे का क्या इलाज है?

खर्राटे क्यों आते हैं? खर्राटे लेना कैसे बंद करें? खर्राटे का क्या इलाज है? Why do snoring come in Hindi, How to stop snoring in Hindi, What is the treatment for snoring in Hindi?


जब नाक और मुंह से निकलने वाला रास्ता कम हो जाता है या बंद हो जाता है, तो खराटे होने की संभावना और भी बढ़ जाती है। आजकल पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में भी कराटा लेने की संख्या में बहुत इजाफा हुआ है। अमूमन सभी पुरुषों या सभी महिलाओं में खराटे की समस्या नहीं होती। लेकिन काफी हद तक देखा गया है कि लोग खर्राटे को अनदेखा कर जाते हैं जबकि इसके बारे में आपको सही सच पता नहीं होता। आज हम अपने इस लेख में खर्राटे से जुड़ी कुछ समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं, ताकि आप खर्राटों से बच सके।

आपके लिए खर्राटों से संबंधित एक छोटी सी कहानी A little Snoring Story for you in Hindi 

13 वर्षीय एक लड़की अपनी मां के साथ सोने से डरती थी, या सोने के नाम से ही उसको डर लगने लगता था। ऐसा नहीं था कि उसकी मां उसको डांटती है या उसकी पिटाई करती है लेकिन उस लड़की को अपनी मां के साथ एक ही बिस्तर में सोने से नींद नहीं आती थी। उसने बहुत बार अपनी मां को बताया भी लेकिन उसकी मां यह मानने को तैयार ही नहीं थी कि उन्हें भी खर्राटे आते हैं। उस लड़की की मां के खर्राटे लेने वाली बात पर उसके पापा उसका मजाक उड़ाते थे। ऐसा सिर्फ उस लड़की की मां के साथ ही नहीं होता। सोते वक्त बहुत से लोग अक्सर खर्राटे लेते हैं और उन लोगों का मजाक भी बनाया जाता है। लेकिन सच तो यह है कि खर्राटे लेना कोई मजाक की बात नहीं है और ना ही नजरअंदाज करने वाली बात है खर्राटे लेना एक गंभीर बीमारी है जिसका इलाज अगर तुरंत ना करवाया जाए तो यह सीधा हमारे दिल पर असर कर सकती है।

आज के समय में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में भी खर्राटे लेने की समस्याओं में बहुत बढ़ोतरी हुई है। कारण इसका चाहे जो भी हो, लेकिन सच्चाई तो यही है कि खर्राटे लेने का अर्थ है फेफड़ों में हाइपरटेंशन का होना। फेफड़ों में हाइपरटेंशन का मतलब यह है, कि आप सही ढंग से सांस नहीं ले पा रहे हो। सांस के अनुपात का सही ना होना खून में ऑक्सीजन के हिसाब का बिगड़ जाना है। इसका सीधा असर हमारे दिल पर पड़ता है और यही वजह है कि बहुत बार लोगों को कार्डियक अटैक सोते सोते ही आता है।

खर्राटे क्यों आते हैं, खर्राटे लेने की क्या वजह है Why Snoring Come in Hindi, What is the reason for Snoring in Hindi 

अंदर से हमारा गला एक खास तरह की मांसपेशी से गिरा हुआ होता है, जो सांस लेने, बोलने और भोजन करते समय हवा को नियंत्रित करता है। जब हम सोते हैं तो यह मांसपेशी निष्क्रिय हो जाती है। जिसकी वजह से गर्दन संकीर्ण हो जाता है। अधिकतर लोगों को संकीर्णता की समस्या नहीं होती लेकिन कुछ लोगों में यह संकीर्णता खर्राटे की वजह बन जाती है। कई पुरुषों और महिलाओं में यह सांस को थोड़ा अवरुध (रोक) देता है तो कुछ में ज्यादा।

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गंभीर समस्या है खर्राटे लेना Snoring is a Serious Problem

जब नींद में कोई खर्राटे लेता है तो इस खर्राटे लेने की समस्या को  'ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया' (ओएसए) कहते हैं। ऐसी प्रॉब्लम में हमारी सांस के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में बढ़ोतरी होती है और ऑक्सीजन की कमी हो जाने के कारण यह समस्या हो जाती है हमारे दिल को ऑक्सीजन का सही अनुपात नहीं मिल पाता जिन लोगों के दिल में अवरोध है उन लोगों में ओएसओ की समस्या का संबंध हार्ट अटैक से होता है। ओएसओ की इस गंभीर प्रॉब्लम को  ऑब्स्ट्रक्टिव एपनिया कहा जाता है। खर्राटे से जूझ रहा रोगी जब नींद से जागता है तो हवा को नियंत्रित करने वाली ऊपरी मांसपेशियां उस वक्त खुल जाती है। हवा आ जाने पर जब रास्ता खुल जाता है तो मरीज को गहरी सांस लेनी चाहिए। जिसकी वजह से खून में ऑक्सीजन की सही मात्रा फिर से हासिल की जा सके।

ओएसए (OSA) मतलब "ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया" क्या होता है? What does OSA mean "Obstructive Sleep Apnea" in Hindi?

नींद में खर्राटे लेने की प्रॉब्लम को ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) कहते हैं। ज्यादातर लोगों को इसका पता नहीं होता। इसकी समस्या से जूझ रहे लोगों में अक्सर दिन भर आलस रहता है, और ताजगी का कोई एहसास नहीं होता।

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खर्राटे के लक्षण, ओएसए (OSA) के लक्षण: Snoring Symptoms in Hindi, OSA Symptoms in Hindi:

अक्सर खर्राटे नींद के डिसऑर्डर की वजह से होते हैं जिसे ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए OSA) कहा जाता है। हालांकी यह जरूरी नहीं है कि जो व्यक्ति खर्राटे मारता हो उसे ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया हो। लेकिन नीचे दिए गए लक्षणों में अगर आपको कोई भी लक्षण दिखे तो डॉक्टर की सलाह लेने की देरी ना करें।

🔹 सोने के समय पर बेचैनी महसूस करना।

🔹 सांस के रुक जाने से नींद का टूट जाना।

🔹 सुबह जब आप सो कर उठते हैं तो गला सूखना या सिर दर्द होना।

🔹 पेशाब बार बार आना।

🔹 सोने के बाद उसने पर कुछ भी अच्छा महसूस ना होना।

🔹 याददाश्त कमजोर हो ना और शरीर में कमजोरी का आना।

खर्राटे की समस्या किन लोगों को हो सकती है Who can have the Problem of Snoring

खर्राटे की समस्या वैसे तो किसी भी उम्र वाले को हो सकती है, लेकिन ज्यादातर 40 की उम्र वाले लोगों में स्लीप एपनिया होने की आशंका अधिक रहती है। जितना अधिक मोटापा होगा स्लीप एप्निया की बीमारी के चांसेज उतने ज्यादा रहेंगे। ज्यादातर नशा करने वाले लोगों में और अधिक दवाइयां लेने वालो में खर्राटे की समस्या बहुत गंभीर रूप ले सकती है। 

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खर्राटे होने के क्या दुष्प्रभाव है What are the side effects of Snoring in Hindi 

खर्राटे होने के बाद दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जैसे की रात को नींद का पुरा ना होना और पूरे दिन भर नींद आती रहती है। किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित ना कर पाना। यानी के इसकी वजह से एकाग्रता में भी कमी आ जाती है। दिनचर्या वाले कामों में काफी गलतियां होने लगती है। गाड़ी चलाते वक्त दुर्घटना होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। कार्डियोवस्कुलर प्रॉब्लम से जुड़ी हुई बहुत सी बीमारियों की आशंका बढ़ने लगती है। हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने या उच्च रक्तचाप की आशंका रहती है।

कैसे पता करें खर्राटे का How to Detect Snoring in Hindi 

यदि 16 इंच से ज्यादा महिलाओं के गले का साइज हो और पुरुषों के गले का साइज 17 इंच से ज्यादा हो तो ऐसे लोगों में (स्लीप एपनिया) खर्राटे की समस्या हो सकती है। जिन लोगों के तालु का साइज इतना बड़ा हो कि उनके मुंह खोलने पर गर्दन के अंदर देखने में भी काफी मुश्किल हो। उच्च रक्तचाप वाले लोगों में वीजा बीमारी हो सकती है। खासकर उन लोगों को जो रक्तचाप को नियंत्रित करने वाली दवाओं का सेवन करते हो।

खर्राटो का इलाज क्या है, खर्राटों का घरेलू उपचार What is the Treatment for Snoring in Hindi, home Remedies for Snoring in Hindi 

खर्राटे सही करने के लिए बहुत ही over-the-counter दवाइयां मौजूद है। लेकिन इन दवाइयों में असरदार दवाइयां कम ही है। हालांकी आप लोग खुद ही कुछ चीजों को ध्यान में रखकर खर्राटे लेने की समस्या से निजात पा सकते हैं। जिन लोगों को खर्राटे कभी-कभी या कम आते हैं, उनके लिए कुछ जरूरी टिप्स है---

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खर्राटे दूर करने के लिए एक गिलास पानी में एक या आधा चम्मच इलायची के पाउडर की मिलाएं और जब आप सोते हो उससे आधा घंटा पहले इसका सेवन करें। इससे भी आप खर्राटों की समस्या का समाधान कर सकते हो। 

खर्राटे आपको अगर साइनस की वजह से आते हैं तो लहसुन का सेवन आपके लिए असरदार हो सकता है। यह भी खर्राटों की समस्या से निजात पाने का एक तरीका हो सकता है। इस को अपनाने के लिए आपको रोजाना सोने से पहले लहसुन की एक या दो कलियाँ पानी के साथ लेनी है।

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🔸 अपने खानपान की आदतों में परिवर्तन करें और जितना हो सके वजन को कम करें।

🔸 सोने से 4 घंटे पहले हैवी भोजन करने से परहेज करें और अल्कोहल का सेवन भी ना करें।

🔸 अपने सोने और बेड पर जाने का समय निश्चित कर ले। रोज उसी समय ही बिस्तर पर जाएं और नींद ना आने पर सोने की कोशिश जरूर करें।

🔸 पीठ के बल ना सोए बल्कि करवट लेकर सोने से खर्राटे की प्रॉब्लम में निजात पाया जा सकता है।

🔸 अगर आपको या आपके परिवार में किसी सदस्य को खर्राटे की प्रॉब्लम हो तो इसे अनदेखा ना करें और ना ही मजाक बनाए और उचित इलाज के लिए डॉक्टर के पास जरूर लेकर जाएँ।

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आशा है कि आपको मेरी यह पोस्ट पसंद आई होगी अगर आपके कुछ सुझाव या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करें ताकि हम आपके दिए गए सुझाव के अनुसार अगली पोस्ट लिख सकें और आपके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे सकें।

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