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बच्चे झूठ बोले तो क्या करें, What to do if Children Lie?

बच्चे झूठ बोले तो क्या करें? बच्चे झूठ क्यों बोलते हैं- What to do if Children Lie, Why do Children Lie?

किसी भी बात पर बच्चे का झूठ बोलना आम बात है। इस बात से माता पिता अक्सर नाराज रहते हैं, लेकिन कभी आपने सोचा है, कि बच्चे झूठ क्यों बोलते हैं? कहीं उनके झूठ बोलने की आदत के जिम्मेदार आप तो नहीं? दरअसल बच्चे डांट या मार के डर से झूठ बोलते हैं। अगर आप इस डर को खत्म कर देंगे तो झूठ भी खुद व खुद ही खत्म हो जाएगा। शरारतऔर गलती करना बच्चों का स्वभाव है, देखा जाए तो कुछ नया सीखने की और बड़े होने की इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा होती है, यह शरारतें और गलतियां। जो पेरेंट्स बच्चों को जरूरत से ज्यादा कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं, उन बच्चों में झूठ बोलने की आदत ज्यादा होती है। फिर धीरे-धीरे पेरेंट्स और बच्चों दोनों का ही एक दूसरे से विश्वास खत्म होने लगता है। इसमें सबसे बड़ा नुकसान आपका ही है, क्योंकि आप अपने बच्चों के मन में अपने लिए भरोसा कायम नहीं कर पाए। उम्र बढ़ने के साथ-साथ झूठ भी बड़ा होकर आदत में शुमार हो जाता है।

मां का रोल होता है अहम- Mother's role is Important

बच्चे की पर्सनैलिटी को बनाने में मां की भूमिका अहम है। बच्चों के मन में शुरू से ही यह बात बैठा दें, कि आप उनकी दोस्त हैं, और मम्मी से अपने दिल की हर बात की जा सकती है। यह भरोसा कायम करने के लिए बहुत धैर्य से काम लें। उनकी हर बात को ध्यान से सुने और समझे। पहले आपस में ऐसी अंडरस्टैंडिंग बनाएं की बच्चा आपका साथ एंजॉय करें, उसे यह नहीं लगना चाहिए कि मम्मी हर काम के लिए मना करती है, या फिर हर समय डांटती रहती है। बच्चे से अपनी एक बात मनवाने से पहले आपको 10 बातें बच्चे की भी माननी होती है, और यह काम सिर्फ माँ ही कर सकती है। वे जब कुछ कहें, तो उनकी बात को बिना जजमेंटल हुए सुने उनके दोस्तों, टीचर्स, स्कूल, टॉयज के बारे में कोई नेगेटिव कमेंट ना करें। बेशक बच्चों की भलाई के लिए उनकी बागडोर अपने हाथ में रखे, लेकिन उन्हें यह एहसास करवाएं कि अपने फैसले हुए खुद करते हैं।
बच्चा जब झूठ बोले तो आप समझदार बने और डांटने-डपटने के बजाय प्यार से समझाएं।

बच्चे झूठ क्यों बोलते हैं- Why do Children Lie?

बच्चों के झूठ बोलने के पीछे कई परिस्थितियां और कारण हो सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि बच्चे झूठ क्यों बोलते हैं?

1. नैतिक नियमों के उल्लंघन- Violation of Ethical Rules

कई बार बच्चे नैतिक नियमों का उल्लंघन करके झूठ बोल देते हैं। बच्चे को इस तरह के व्यवहार से बचाना चाहिए। इसके साथ-साथ बच्चों को यह भी समझाएं कि नियमों के जीवन में क्या महत्व है। नहीं तो बड़े होने के बाद भी वे इसी प्रकार नियमों का उल्लंघन करने के बाद झूठ बोलते रहेंगे जिसके दुष्परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं। ऐसे झूठ को एंटीसोशल माना गया है।

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2. मदद करने के इरादे से- With the Intention of Helping

बच्चे बहुत बार अच्छे इरादों को लेकर भी झूठ बोल देते हैं। किसी की मदद करने की वजह से भी कभी वह झूठ बोल देते हैं, या फिर किसी को नुकसान से बचाने के लिए भी कभी-कभी बच्चे झूठ बोल देते हैं।

3. मां-बाप की भावनाओं को ठेस ना पहुंचे- Don't Hurt the Feelings of Parents

उदाहरण स्वरूप यदि बच्चों को कोई उपहार अच्छा ना लगे, और फिर भी सामने वाले का या माता-पिता का दिल रखने के लिए झूठ बोल देते हैं, और उस उपहार को एक्सेप्ट कर लेते हैं।

4. बोले गए झूठ को सच साबित करने के लिए- To Prove the Lie Told

बच्चों का अगर कोई पुराना झूठ पकड़ा जाए तो उस झूठ को सच साबित करने के लिए भी बच्चे नया झूठ बोल देते हैं। बच्चे ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि वे चाहते हैं, कि सामने वाले को उन पर विश्वास बरकरार रहे।

5. गलतियां छुपाने के लिए बोला गया झूठ- Lie Told to Hide Mistakes

बच्चों कभी-कभी अनजाने में झूठ बोल देते हैं। ऐसा झूठ हो वह अपनी गलतियों को छिपाने के लिए बोलते हैं। झूठ वह कभी-कभी इसलिए बोलते हैं जैसे कि घर में कोई गिलास टूट गया हो या फिर गलती से कोई सामान टूट गया हो या फिर पढ़ने की कोई वजह हो या खराब मार्क्स आए हो। ऐसी परिस्थितियों में बच्चे झूठ बोल देते हैं।

जब आप का सामना बच्चों के झूट से हो तो क्या करें- What to do When You are Faced With a Lie from a Child?

🔹 बच्चों की शरारती पर उन्हें ना डालते हैं। मसलन अगर आपके बच्चे के हाथ से दूध से भरा गिलास छूट गया है, तो इसे देखते ही आपको गुस्सा आएगा, लेकिन गुस्सा करने के बजाय अगर आप बच्चे से यह कहती है, कि चलो इसे साफ करने में मम्मी की मदद करो, तो वह भी डरे बिना अपनी गलती मानेगा।
🔹 जब आप उसका कोई झूठ पकड़ लें, तो फिर इस बात के लिए उसे ना डांटे। बच्चों को यह महसूस करवाए की सच बोलना बेहद आसान है, और इससे कोई नुकसान नहीं होता।
🔹 अगर बच्चे का कोई झूठ आपके सामने खुल गया, तो बेशक पति को उसके बारे में बताएं, लेकिन उन्हें यह हिदायत भी दें, कि वह बच्चे से इस बारे में बहुत सम्भल कर बात करें। वरना बच्चा तो यही सोचेगा, कि मैंने तो मम्मी पर विश्वास करके सच बताया था, और मम्मी ने मेरी शिकायत वापस कर दी।
🔹 बच्चे झूठ बोलना कहां से सीखते हैं,। यह पता लगाना भी जरूरी है कई बार घर में बड़ों को देखकर ही उनमें या आदत पड़ जाती है। घर में यह नियम होना चाहिए, कि कोई सदस्य किसी से झूठ नहीं बोलेगा। घर के बड़े मिलकर बच्चों के सामने कोई रोल प्ले भी कर सकते हैं। खाने के समय या टीवी देखते समय घर का कोई भी मेंबर अपने किसी झूठ को कबूल करते हुए सबको सॉरी बोल सकता है, और बाकी लोग इट्स ओके कह कर उसका झूठ माफ कर सकते हैं।
🔹 देखा जाए तो झूठ बोलना बहुत आम बात है, लेकिन यह बड़ी बात ना बन जाए इसके लिए शुरुआत से ही ध्यान रखना होगा।
🔹 बच्चे ने आप पर विश्वास करके अपना कोई सीक्रेट शेयर किया है या फिर किसी गलती को कबूला है, तो उसे अपने तक ही रखें।

बच्चे झूठ बोलना कब शुरू करते हैं- When do Babies Start Lying?

कौन सी उम्र में बच्चे झूठ बोलना स्टार्ट करते हैं इसे तीन चरण में समझा जा सकता है।

🔸 जो बच्चों की उम्र 2 या 3 साल होती है, तो बच्चे झूठ बोलना शुरू कर देते हैं, रिसर्च के अनुसार इस उम्र के बच्चे तथ्यों को जानबूझकर छुपाते हैं। परंतु यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, कि बच्चे अपनी बातों का विश्वास दिलाने के लिए तथ्यों को छुपाते हैं, या अपनी किसी इच्छा को पूरी करने के लिए छुपाते हैं।
🔸 3 से 4 साल की उम्र के बीच के बच्चे झूठ और सच के बीच का अंतर समझने लग जाते हैं। उसके बाद वह अपनी गलतियों को छुपाने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं।
🔸 बच्चों के अंदर झूठ बोलने का तीसरा चरण 7 से 8 साल की उम्र में पनपना शुरू कर देते है। इस उम्र के बच्चे अच्छी तरह समझ जाते हैं, कि झूठ किस तरह बोला जाता है, और बच्चे किसी भी बात को मुंह से फिसलने नहीं देते। ताकि उनका झूठ पकड़ा ना जाए, और इस तरह की कोशिश करने के बाद बच्चे एक के बाद एक झूठ बोलने लग जाते हैं।

बच्चा झूठ बोल रहा है, कैसे पता लगाएं- How to Find out if the Child is Lying?

बहुत आसानी से इस बात का पता लगाया जा सकता है, कि कब बच्चे झूठ बोल रहे हैं। झूठ बोलते वक्त बच्चों का व्यवहार अलग होने लगता है, और और हम नोटिस कर सकते हैं, कि बच्चा सच बोल रहा है या झूठ बोल रहा है।
आइए कुछ बातें जानते हैं जिससे यह पता चल सके कि बच्चा कब झूठ बोल रहा है?

🔹 जब बच्चे किसी बात को लेकर झूठ बोलने लगते हैं तो वह उस बात से अनजान होने का दिखावा करते हैं।
🔹 जब बच्चे झूठ बोलते हैं तो अक्सर वे नजरें चुराने लगते हैं और उस चोट से ध्यान भटकाने के लिए वे किसी चीज को छेड़ने या खेलने लग जाते हैं।
🔹 जब बच्चों से कोई सवाल किया जाए तो बच्चे आमतौर से ज्यादा वक्त लेते हैं, और सोच समझकर अपना जवाब देते हैं।
🔹 झूठ बोलने की स्थिति में बच्चे बात को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की कोशिश में रहते हैं, और मनगढ़ंत कहानियां सुनाने लग जाते हैं।
🔹 सवाल पूछे जाने पर कई बार बच्चे गुस्सा हो जाते हैं, और सामान्य आवाज से ऊंची आवाज में बात करने लगते हैं।

बच्चे झूठ ना बोले, उन्हें रोकने के उपाय- Children do not Lie, ways to stop them

अगर बच्चों में झूठ बोलने की आदत पड़ गई हो, और यह आदत रोज-रोज बढ़ती जा रही हो, तो इसे रोकना बहुत जरूरी है।
आइये हम आपको बच्चों को झूठ बोलने से रोकने के उपाय बताते हैं-----

🔸 सबसे पहले आप खुद ईमानदार बने और बच्चों के लिए रोल मॉडल बनने की कोशिश करें। बच्चों के साथ दोस्तों जैसा व्यवहार रखें।
🔸 उनको इस बात का एहसास दिलाएं, की वह जो भी बात कर रहे हैं, या जो बोल रहे हैं, आप वह बात पहले से ही जानते हो। इससे बच्चों में झूठ बोलने की हिम्मत नहीं आती।
🔸 डर को बच्चों के मन से बाहर निकालेंं, और हमेशा बच्चों को सच बोलने के प्रति प्रेरित करें।
🔸 इस बात का पता करें कि बच्चे झूठ क्यों बोल रहे हैं, और उनके झूठ बोलने पर कड़े शब्दों में समझाएं। बच्चों को अपने पास बिठाकर सच्चाई से अवगत करवाएं।
🔸 बच्चों को प्रेरणादायक और सच्ची कहानियां सुनाते रहे। अगर किसी बात को लेकर बच्चे आपके पास सच बोले, तो उन्हें डांटें नहीं बल्कि शाबाशी दे।
🔸 अगर कभी बच्चे आपके सामने हो, और आप फोन पर बात कर रहे हो, तो गलती से भी आप किसी से झूठ ना बोले, क्योंकि बच्चा वही सीखता है, जो आपसे खाते हो या जो बच्चे देखते हैं।
🔸 अपने घर का वातावरण/माहौल इस तरह का रखें, की बच्चा बिना डरे अपनी हर बात को आपसे शेयर कर सके। जिससे बच्चा चाह कर भी आपसे झूठ ना बोल पाए।
🔸 बच्चों को अपने पास बिठाकर प्यार से उनसे संबंधित हर बात को डिस्कस करें।
🔸 माता-पिता को अगर ऐसा लग रहा हो, कि बच्चा बिना वजह से झूठ बोल रहा हो, तो उनको खुद से संबंधित कोई भी प्रेरणादायक एवं रोमांचक कहानी सुनाएं और बात करते-करते उनको विश्वास दिलाएं कि जब  आपने कभी कोई झूठ बोला था, तो उस झूठ की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी, जिससे आपने जिंदगी भर कभी झूठ ना बोलने की कसम खा ली है।
🔸 बातों बातों में ही बच्चों पर अपना भरोसा दिखाएं। जिससे बच्चों को लगता है, कि माता-पिता उन पर बहुत भरोसा रखते हैं, और जिस वजह से बच्चे झूठ बोलना बंद कर देंगे।
🔸 बच्चों को इस बात को अच्छी तरह से समझाएं, कि हमारे समाज में चाहे छोटा हो या बड़ा हो, लेकिन झूठ बोलने वालों की कोई इज्जत नहीं करता है। क्योंकि जिस दिन अगर झूठ पकड़ा गया, तो  उनको सबके सामने अपमानित होना पड़ता है, और अगर सच बोलेंगे तो सब लोग इज्जत से पेश आएंगे और सभी ऐसे इंसान से दोस्ती रखना पसंद करते हैं।

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